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वाराणसी के साथ क्या गुजरात से भी चुनाव लड़ेंगे नरेंद्र मोदी, आज तय करेगी BJP

बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन गंगा मैया के साथ क्या वह नर्मदा में भी चुनावी डुबकी लगाएंगे, इसका फैसला आज हो सकता है. गुजरात बीजेपी आज इस बात पर मंथन करेगी कि नरेंद्र मोदी को गुजरात से चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं.

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Narendra Modi
Narendra Modi

बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन गंगा मैया के साथ क्या वह नर्मदा में भी चुनावी डुबकी लगाएंगे, इसका फैसला आज हो सकता है. गुजरात बीजेपी आज इस बात पर मंथन करेगी कि नरेंद्र मोदी को गुजरात से चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं.

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गुजरात बीजेपी मोदी की सीट पर अपना फैसला केंद्रीय चुनाव समिति को भेजेगी. केंद्रीय चुनाव समिति 19 मार्च को बीजेपी उम्मीदवारों की पांचवीं लिस्ट में गुजरात की लिस्ट का ऐलान करेगी और साफ करेगी कि मोदी गुजरात से चुनाव लड़ेंगे या नहीं.

बताया जा रहा है कि अगर मोदी को गुजरात से भी लड़ाने पर सहमति बनी तो वह अहमदाबाद ईस्ट सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. सू्त्रों के मुताबिक, गुजरात बीजेपी के कार्यकर्ताओं का जोश और उत्साह है, जिसके सामने पार्टी को यह मुश्किल फैसला करना है.

हालांकि मोदी से टक्कर लेने के लिए बनारस जाने का मन बना चुके केजरीवाल मोदी के दो सीटों से चुनाव लड़ने पर अभी से उन पर तंज कसने लगे हैं. उनका कहना है कि 'मोदी गुजरात में सेफ सीट क्यों ढूंढ रहे हैं. उन्हें बहादुर होना चाहिए.'

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बीजेपी नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, 'बीजेपी बड़े दावे के साथ कहती है कि मोदी मजबूत नेता हैं, फिर वह सेफ सीट क्यों ढूंढ रहे हैं. मोदी डरते क्यों हैं.' मनीष ने कहा कि अरविंद के वाराणसी से चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद मोदी सेफ सीट ढूंढने लगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने तय किया की दिल्ली कैसे चलेगी और अब वाराणसी के लोगों को तय करना है कि देश की राजनीति कैसे चलेगी.

इसी बैठक में वरिष्ठ बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी की सीट का फैसला भी किया जाएगा. आडवाणी गांधीनगर सीट से सांसद हैं और इस बार भी यहीं से चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं.

मोदी को पीएम बनाने के लिए बीजेपी 'मिशन 272 प्लस' तक पहुंचना चाहती है. पार्टी की नैया पार लगाने का बीड़ा मोदी पर है. यह रास्ता यूपी और बिहार के बिना तय होना नामुमकिन सा दिखता है और पार्टी भी यह मानती है कि यूपी-बिहार को साधने के लिए मोदी की मौजूदगी जरूरी है.

हालांकि गुजरात में बीजेपी और मोदी अलग अलग नहीं हैं. लेकिन तमाम नेताओं की राय और पार्टी का फैसला इसलिए जरूरी है क्योंकि 2014 की चाल फतह करने में मोदी टीम गुजरात को नाराज करने का भी रिस्क नहीं उठाना चाहेंगे.

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