कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नमक उद्योग के मजदूरों को आश्वासन दिया कि वह भले ही अगले 10 दिन में उनकी जिंदगी नहीं बदल सकेंगे, लेकिन उनकी समस्याओं का कुछ न कुछ समाधान किया जाएगा. सुरेन्द्रनगर जिले के कच्छ के रण के इस छोटे से गांव में उन्होंने नमक मजदूरों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना.
उन्होंने कहा, मैंने आपकी समस्याओं को समझा और उन मुद्दों के समाधान के लिए मैं कोशिश करूंगा. मैं नहीं कहता कि अगले 10 दिन में मैं आपकी जिंदगी बदल दूंगा लेकिन मैं प्रयास करूंगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिकार, आश्रय का अधिकार, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) जैसी योजनाएं शुरू कीं.
उन्होंने कहा, ‘आप लोगों को उन योजनाओं से लाभ उठाना चाहिए. हमारा मानना है कि हर नागरिक को मूलभूत अधिकार मिलने चाहिए.’
विकास के मुद्दे पर राहुल ने कहा, विकास के सिद्धांत को लेकर दो विचार हैं. पहला विचार सड़क बनाना है और दावा करना है कि यह विकास है जबकि दूसरा आप जैसे लोगों को आश्रय मुहैया कराना है.
राहुल ने कहा, ‘जब तक आप लोगों के पैर के नीचे जमीन और सिर पर छत नहीं है तब तक विकास का दावा नहीं किया जा सकता. इस देश के हर नागरिक को विकास की कहानी में हिस्सेदारी करनी चाहिए और उससे लाभ उठाना चाहिए.’
नमक उद्योग के प्रतिनिधियों ने उनसे कहा कि उन्हें रोज पीने का पानी भी नहीं मिलता. इस पर राहुल ने कहा, ‘स्वतंत्र भारत में अगर हम आपको पीने का पानी नहीं मुहैया करा सकते तो कुछ गंभीर समस्या है.’
एक महिला प्रतिनिधि ने उनसे कहा कि बेमौसम बरसात के कारण हुई क्षति के बावजूद उन्हें मुआवजा नहीं मिला. महिला प्रतिनिधि ने कहा, ‘सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की होंगी लेकिन हमें उनसे लाभ नहीं हुआ. हमें उन योजनाओं में से एक कतरा भी हासिल नहीं हुआ.’
प्रतिनिधियों ने कहा कि देश में गुजरात नमक का सबसे बड़ा उत्पादक है और नमक उद्योग से जुड़े मजदूरों को लिटिल रन ऑफ कच्छ में छह महीने बिना मूलभूत सुविधाओं के गुजारने होते हैं. इस पर राहुल ने कहा, ‘बारिश के बावजूद आप लोगों को पानी नहीं मिलता. निश्चित रूप से व्यवस्था में खामियां हैं. योजनाएं आप लोगों तक नहीं पहुंच रही हैं. मैं आपकी समस्याओं के समाधान का प्रयास करूंगा.’