आंध्र प्रदेश में शनिवार का दिन कांग्रेस के लिए अच्छा नहीं रहा. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सिकंदराबाद में रैली करने पहुंची, तो वहां चंद लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया. उसी शहर में कांग्रेस दफ्तर में चंद बदमाशों ने आग लगा दी. खैर, इस सबके बाद सोनिया हैदराबाद पहुंचीं, तो वहां भी हुसैन सागर झील पर कांग्रेस के खिलाफ नारे बुलंद थे.
सिकंदराबाद में सोनिया गांधी पार्टी की चुनावी रैली के लिए पहुंची थीं, लेकिन रैली में इस हंगामे ने रंग में भंग डाल दिया. सोनिया ने जैसे ही बोलना शुरु किया, भीड़ ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी, रैली के इस हिस्से में सारी कुर्सियां पलट कर रख दीं. हालत ये थी, कि पुलिसवालों से मामला संभाले नहीं संभल रहा था. नतीजतन, सोनिया को अपना भाषण बीच में ही रोकना पड़ा.
उससे भी बुरा हुआ शहर के गांधी भवन में. ये भवन ही कांग्रेस का दफ्तर भी है, जहां चंद बदमाशों ने दफ्तर के एक हिस्से में आग लगा दी. इसमें दफ्तर के तीन कर्मचारी भी झुलस गए. जिस वक्त ये हुआ, उस वक्त दफ्तर में पार्टी का कोई नेता मौजूद नहीं था. अब इन दोनों घटनाओं के लिए कांग्रेस नेता माडिगा रिजर्वेशन पोराटा समिति यानी एमआरपीएस को दोषी करार दे रहे हैं. हालांकि दफ्तर में आग लगाने वालों की पहचान अभी नहीं हो पाई है.
एमआरपीएस के अलावा प्रजा राज्यम पार्टी यानी पीआरपी ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी. हैदराबाद में जिस जगह सोनिया गांधी एक कार्यक्रम में पहुंची थीं, ठीक उसी वक्त हुसैन सागर झील पर पीआरपी कार्यकर्ता राज्य के कथित भ्रष्ट प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. आम चुनावों से पहले आंध्र की छोटी पार्टियों ने अपनी मांगों को लेकर कांग्रेस पर दबाव बनाना शुरु कर दिया है.