पटना साहिब लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा ने मुसलमानों की उनकी पार्टी से नफरत को खारिज करते हुए इस समुदाय की ओर से बेहतर तवज्जो मिलने का दावा करते हुए कहा कि छद्म धर्मनिरपेक्षता की तुलना में पाकिस्तान सहित अन्य इस्लामिक देशों में वे अधिक स्वीकार्य हैं. पटना साहिब सीट से दोबारा चुने जाने के लिए अपना भाग्य आजमा रहे शत्रुघ्न ने कहा कि उन्होंने अपने प्रति मुसलमानों में भी उत्साह देखा है. गौरतलब है कि शत्रुघ्न को पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल जयाउल हक की पुत्री जेन जिया अपना भाई मानती हैं और उन्हें प्रतिवर्ष राखी बांधती हैं.
कांग्रेस और अन्य धर्मनिरपेक्ष दलों पर प्रहार करते हुए शत्रुघ्न ने उन पर वोट पाने के लिए भाजपा और नरेंद्र मोदी के नाम पर मुसलमानों को बेवकूफ बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसी राजनीति उनके खिलाफ पटना साहिब संसदीय क्षेत्र में की गई है पर वे नहीं समझते कि इससे उन्हें कोई फायदा मिलने वाला है.
पटना साहिब संसदीय क्षेत्र से टिकट के लिए उनके और भाजपा के वरिष्ठ नेता रवि शंकर प्रसाद के बीच टकराव के बारे में पूछे जाने पर शत्रुघ्न सिन्हा ने उनसे किसी प्रकार के मतभेद से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है कि वे राज्यसभा में उनका चार साल बचे होने के बावजूद वे पटना साहिब से चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक थे. शत्रुघ्न ने कहा कि उनकी पार्टी के कुछ नेताओं ने उनसे पटना साहिब के बजाए दिल्ली से चुनाव लड़ने के बारे में पूछा था लेकिन हमने उनसे कहा था पटना साहिब सीट उनकी पहली, दूसरी और अखिरी पसंद है और उन्होंने इसे स्वीकार करते हुए उन्हें उनके पैतृक स्थान से टिकट दिया.
शत्रुघ्न ने कहा 'खामोश...'
इससे पहले, पटना शहर स्थित एक मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिए पहुंचे शत्रुघ्न ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इस लोकसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में परिणाम क्रांतिकारी होगा. इस चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के भाग्य के बारे में पूछे जाने पर शत्रुघ्न ने अपना पुराना ‘खामोश’ डायलॉग दोहराते हुए आगे बढ़ गए.