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सर्वे: दिल्ली में बनेगी BJP की सरकार, पर मुख्यमंत्री के लिए केजरीवाल पहली पसंद

दिल्ली विधानसभा चुनाव में क्या होगा? कौन बनेगा मुख्यमंत्री? क्या अरविंद केजरीवाल नरेंद्र मोदी का विजय रथ रोक पाएंगे? इन सारे सवालों का जवाब ढूंढने के लिए इंडिया टुडे ग्रुप ने Cicero के साथ मिलकर ओपिनियन पोल किया है. इसके मुताबिक इस बार दिल्ली में बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना सकती है. बीजेपी 37 (34-40) सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी.

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दिल्ली विधानसभा चुनाव में क्या होगा? कौन बनेगा मुख्यमंत्री? क्या अरविंद केजरीवाल नरेंद्र मोदी का विजय रथ रोक पाएंगे? इन सारे सवालों का जवाब ढूंढने के लिए इंडिया टुडे ग्रुप ने Cicero के साथ मिलकर ओपिनियन पोल किया है. इसके मुताबिक इस बार दिल्ली में बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना सकती है. बीजेपी 37 (34-40) सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी.

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70 सदस्य वाले विधानसभा में बीजेपी को 34 से 40 सीटें मिलने का अनुमान है. सीएम के तौर पर पसंद की बात करें तो आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल 35 फीसदी दिल्ली की जनता की पहली पसंद हैं.

इंडिया टुडे ग्रुप-Cicero के सर्वे में कुल 4273 लोगों ने हिस्सा लिया. यह सर्वे 70 विधानसभा क्षेत्रों के 210 पोलिंग स्टेशनों पर कराया गया है. यह ओपिनियन पोल 01 दिसंबर से 5 दिसंबर के बीच किया गया था.

वोट और सीट का अनुमान
सर्वे में यह बात सामने आई है कि 39 फीसदी वोट शेयर के साथ बीजेपी सबसे आगे रहेगी. 36 फीसदी के साथ आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर पर और कांग्रेस को 16 फीसदी वोट शेयर के साथ तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ेगा.

अगर आज चुनाव होते हैं तो बीजेपी 34-40 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी. AAP को 25 से 31 सीटें मिलने का अनुमान है. कांग्रेस को एक बार फिर नुकसान होगा, पिछले विधानसभा चुनाव में जीते 8 सीटों से फिसलकर वह 3-5 पर सीमित हो सकती है, वहीं अन्य को 2 सीटें मिलने की संभावना है.

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सीएम उम्मीदवार की पहली पसंद
भले ही सर्वे में बीजेपी की सरकार बनती दिख रही हो पर मुख्यमंत्री के तौर पर अरविंद केजरीवाल 35 फीसदी वोट के साथ दिल्ली की पहली पसंद हैं. उन्हें टक्कर देना वाला कोई भी नहीं है. दूसरे नंबर पर बीजेपी के डॉ. हर्षवर्धन हैं, जिन्हें 19 फीसदी वोट मिले हैं. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित 9 फीसदी वोट के साथ तीसरे स्थान पर और कांग्रेस के ही अरविंदर सिंह लवली 8 फीसदी मत के साथ चौथे स्थान पर हैं.

सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा
दिल्ली की जनता के लिए भ्रष्टाचार अब भी अहम मुद्दा है. पोल में हिस्सा लेने वाले लोगों में से 21 फीसदी ने इसे सबसे अहम मुद्दा बताया.
भ्रष्टाचार- 21 फीसदी
महिला सुरक्षा- 17 फीसदी
पानी- 15 फीसदी
महंगाई- 12 फीसदी
बिजली- 10 फीसदी

मोदी सरकार का अब तक का प्रदर्शन
केंद्र की एनडीए सरकार के प्रदर्शन का असर सबसे ज्यादा दिल्ली के चुनावों में होने का अनुमान है. सर्वे में जब लोगों को केंद्र सरकार के अब तक के काम के बारे में पूछा गया तो...
उम्मीद से बेहतर- 34 फीसदी
उम्मीदों के मुताबिक- 33 फीसदी
खराब- 22 फीसदी

74 फीसदी लोगों को लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रशासन में नई जान फूंक दी है. वहीं, 62 फीसदी लोगों का मानना है कि मोदी के कारण पूरी दुनिया में भारत की छवि सुधरी है. 56 फीसदी लोग मोदी को एक निर्णायक नेता मानते हैं जिन्होंने किए गए वादों को पूरा किया.

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हालांकि, 48 फीसदी लोग ऐसे भी थे जिन्होंने कहा कि मोदी अपने वादों को पूरा नहीं कर पाए. 35 फीसदी लोग ऐसे हैं जो मानते हैं कि मोदी सिर्फ और सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं. 46 फीसदी लोगों ने मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को दिखावा बताया.

आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन
भले आम आदमी पार्टी इस बार चुनाव में जनता की पहली पसंद ना हो, पर 35 फीसदी लोगों का मानना है कि 49 दिनों की AAP की सरकार ने उम्मीद से बेहतर काम किया था. 32 फीसदी लोग केजरीवाल सरकार के काम को उम्मीदों के मुताबिक बताया. हालांकि, 22 फीसदी लोगों ने केजरीवाल के काम पर नाराजगी जताई.

केजरीवाल के लिए सबसे चिंता वाली बात यह है कि सर्वे में हिस्सा लेने वाले 53 फीसदी लोगों का मानना है कि AAP में शासन को लेकर अनुभव की कमी है. 51 फीसदी लोगों का कहना था कि सिर्फ 49 दिनों बाद सरकार से इस्तीफा देकर केजरीवाल ने धोखा दिया. वहीं, 54 फीसदी लोगों ने कहा कि केजरीवाल का ध्यान सरकार चलाने से ज्यादा धरना देने पर था.

हालांकि, 60 फीसदी लोगों ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल की तारीफ की. उन्होंने माना कि केजरीवाल सरकार के दौरान भ्रष्टाचार में कमी आई थी. इतने ही लोगों ने केजरीवाल को बिजली और पानी के दाम कम करने का भी श्रेय दिया. इन सबके बीच 55 फीसदी लोगों को लगता है कि 'आप' को एक मौका और मिलना चाहिए.

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कांग्रेस का क्या होगा?
सर्वे में हिस्सा लेने वालों में 70 फीसदी लोगों का मानना है कि कांग्रेस सबसे भ्रष्ट पार्टी है. 51 फीसदी को लगता है कि कांग्रेस परिवारवाद को बढ़ावा देती है.

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