दिल्ली विधानसभा चुनाव में 4 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. इंडिया टुडे ग्रुप ने ओआरजी के साथ मिलकर दिल्ली में मतदान से पहले ओपिनियन पोल कराया. सर्वे में 2010 लोगों को शामिल किया गया. दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में से 35 में 24 और 25 नवंबर को ये सर्वे कराया गया और इसमें गलती की संभावना लगभग 4 फीसदी(कम या ज्यादा) है.
सर्वे के नतीजों के अनुसार दिल्ली में बीजेपी सत्ता में वापस लौट रही है तो कांग्रेस को बहुत नुकसान होने जा रहा है.
ओपिनियन पोल के अनुसार दिल्ली में बीजेपी को 37 फीसदी वोट प्राप्त होंगे, जबकि कांग्रेस को 29 फीसदी वोट मिलेंगे. केवल 1 साल पहले राजनीति के अखाड़े में उतरने वाली आम आदमी पार्टी (आप) को 21 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है वहीं अन्य को 13 फीसदी वोट मिलेंगे. सर्वे के अनुमानों के मुताबिक बीजेपी को 1 फीसदी वोट का फायदा होने जा रहा है जबकि कांग्रेस को 11 फीसदी मतों का नुकसान होगा. अन्य को भी 11 फीसदी वोटों का नुकसान होगा.
किसको कितनी सीटें...
बात की जाए सीटों की तो बीजेपी को जबरदस्त लाभ होता दिख रहा है और इस ओपिनियन पोल के अनुसार बीजेपी को 40 सीटें मिलने का अनुमान है. इस तरह बीजेपी को पिछले चुनाव की तुलना में 17 सीटों का लाभ होने जा रहा है और बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिलने जा रहा है. कांग्रेस को 18 सीटें मिल सकती हैं और इस तरह कांग्रेस को 25 सीटों का जबरदस्त नुकसान होगा और उसका सत्ता से बाहर जाना तय है. आम आदमी पार्टी को 10 सीटें मिलने का अनुमान है और एक नई पार्टी के लिहाज से उसका प्रदर्शन अच्छा ही कहा जाएगा. अन्य के खाते में 2 सीटें जाने का अनुमान है.
बेहतर मुख्यमंत्री कौन?
बेहतर मुख्यमंत्री के सवाल पर पिछले ओपिनियन पोल में जहां वर्तमान मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और अरविंद केजरीवाल को बीजेपी उम्मीदवार पर बढ़त दिखाई दे रही थी, वहीं इस सर्वे में बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार डॉ. हर्षवर्धन लोगों की पहली पसंद बन गए हैं. इस ओपिनियन पोल के अनुसार शीला दीक्षित को 28 फीसदी लोगों ने बेहतर मुख्यमंत्री माना है जबकि 38 फीसदी लोगों की पसंद डॉ. हर्षवर्धन हैं. आम आदमी पार्टी के सीएम उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल को 26 फीसदी लोगों ने बेहतर मुख्यमंत्री कैंडिडेट माना है.