चुनाव नतीजे आने से पहले ऐसा लग रहा है कि आम आदमी पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं है. पार्टी के फायरब्रांड नेता और अमेठी से उम्मीदवार कुमार विश्वास ने इशारों में नाराजगी जाहिर की है. उनका दावा है कि अमेठी में पहले तीन महीने तक वह अकेले प्रचार करते रहे. उन्हें ज्यादा मदद नहीं मिली. कार्यकर्ता भी नहीं पहुंचे.
दरअसल, जब आज तक ने कुमार विश्वास से अमेठी में प्रचार के लिए केजरीवाल के देर से आने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'यह तय है कि लोग अमेठी नहीं पहुंचे. हो सकता है कि वहां की संरचना ऐसी है कि दूर है. वहां सुविधाएं नहीं थीं. पंजाब-बनारस की तरह घूमने के घाट और होटल नहीं थे. कार्यकर्ताओं में क्या हुआ पता नहीं, लेकिन लोग पहुंचे नहीं. तीन महीने तक अकेले लड़ा. फिर बनारस का चुनाव आ गया जो स्वाभाविक है कि अरविंद के लिए बेहद जरूरी था. पार्टी आखिरी चरण में वहां पहुंची. अरविंद के पास पूरे देश की जिम्मेदारी थी.'
कुमार विश्वास ने माना है कि जनता की राय लिए बिना दिल्ली की सरकार छोड़ना उनकी पार्टी की गलती थी.
एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए कुमार विश्वास ने मंगलवार को कहा, 'हमसे कुछ गलतियां हुई हैं. जैसे सरकार बनाते वक्त हमने राय ली थी, वैसे ही सरकार छोड़ते वक्त भी हमें करना चाहिए था. इस पर बहस और चर्चा होती.' दिल्ली में AAP का वोट फीसदी बढ़ने का दावा करते हुए कुमार विश्वास ने दावा किया कि पार्टी की सरकार ने अपना हर वादा पूरा किया है. उन्होंने कहा कि हमें 27 फीसदी वोट विधानसभा चुनावों में मिला था. अब कुछ एग्जिट पोल बता रहे हैं कि हमारा वोट शेयर बढ़ा है.
कुमार ने कहा कि अब पार्टी को दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी करनी है. चुनाव नतीजों से पहले ही कुमार ने बीजेपी को शुभकामनाएं दे दीं. उन्होंने कहा, 'बीजेपी को शुभकामनाएं. अब उनसे बस यह कहना है कि अब आप हमारा विपक्ष देखिएगा, भले ही एक आदमी जीतकर आए.'
कुमार अमेठी से कांग्रेस प्रत्याशी राहुल गांधी पर फिकरे कसने से भी नहीं चूके. उन्होंने कहा, 'देश पेन में रहा और वह स्पेन में रहे. तो मैं उनसे तो बेहतर हूं.' राहुल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे कुमार ने कहा, 'चुनाव के दिन राहुल 6 बजे अमेठी में थे. यानी 4 बजे हवाई जहाज में रहे होंगे. यानी 3 बजे घर से निकले होंगे, यानी 2 बजे जाग गए होंगे. कुल मिलाकर हमने उनकी नींद तो खराब कर ही दी.'
बीजेपी और कांग्रेस में मिलीभगत का आरोप दोहराते हुए उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी को गांधी परिवार से घृणा है तो रायबरेली क्यों नहीं गए. उन्हें लगा कि राहुल को जिताओ, ये संसद में रहें तो उनके लिए अच्छा है.'