scorecardresearch
 

मोदी के विरोधी हो रहे एकजुट तो ग्रहों के चाल के कारण कहीं दूर न हो जाए प्रधानमंत्री की कुर्सी

वाराणसी में मुख्तार अंसारी के हथियार डालने और मोदी के विरोध का बिगुल फूंकने के बाद अब वाराणसी की राजनीति ने कुछ अलग ही मोड़ ले लिया है. अरविंद केजरीवाल हों या कांग्रेस उमीदवार अजय राय सभी मोदी को हराने के लिए दबी जुबान में एक दूसरे का समर्थन करते नजर आ रहे हैं. वहीं, ग्रहों की चाल भी मोदी और कुर्सी की दूरी बढ़ा रही है.

Advertisement
X
बीजेपी के पीएम पद के उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी
बीजेपी के पीएम पद के उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी

वाराणसी में मुख्तार अंसारी के हथियार डालने और मोदी के विरोध का बिगुल फूंकने के बाद अब वाराणसी की राजनीति ने कुछ अलग ही मोड़ ले लिया है. अरविंद केजरीवाल हों या कांग्रेस उमीदवार अजय राय सभी मोदी को हराने के लिए दबी जुबान में एक दूसरे का समर्थन करते नजर आ रहे हैं. वहीं, ग्रहों की चाल भी मोदी और कुर्सी की दूरी बढ़ा रही है.

Advertisement

काशी में विरोधी पार्टियां मोदी के खिलाफ लामबंद होने की कोशिश में जुट गई हैं. मुख्तार के भाई अफजल अंसारी के ऐलान (मोदी के खिलाफ जो भी पार्टी खड़ी होगी उसका समर्थन करेंगे) के बाद जनता कांग्रेस के स्थानीय उम्मीदवार अजय राय को सबसे पहले देख रही है तो वहीं अजय राय भी दबी जुबान में मुख्तार के समर्थन का स्वागत कर रहे हैं. अजय राय कहते हैं, 'लड़ाई धरतीपुत्र बनाम बाहरी की है. जिस दिन अजय राय का नाम आया उस दिन फिजा बदल गई. मैं ये समझता हूं कि देशहित में सपा और बीएसपी को कांग्रेस का सपोर्ट करना चाहिए.

वाराणसी का चुनावी समीकरण भी अब बदलता हुआ नजर आ रहा है. काशी की जनता भी मोदी के बजाय अजय राय को ज्यादा तवज्जो देती नजर आ रही है, हालांकि लोगों की राय भी मिलीजुली है. काशी के राहुल कहते हैं, 'वाराणसी की जनता की राय अजय राय है. वे स्‍थानीय हैं और इसका फायदा उन्‍हें मिलेगा.'

Advertisement

ग्रहों के खेल में सियासी उथल-पुथल
दरअसल, वाराणसी में मोदी की मुसीबत यहीं खत्‍म नहीं होती. काशी के ज्योतिषियों के मुताबिक मोदी के ग्रहों की बाधा उन्हें धार्मिक नगरी में पटखनी भी दे सकती है. इतना ही नहीं उन्हीं ग्रहों की खराब चाल के चलते मोदी को प्रधानमंत्री पद पाने के लिए अथक प्रयास करना पड़ सकता है. या फिर संभव है कि प्रधानमंत्री की कुर्सी ही इनसे दूर चली जाए.

नरेंद्र मोदी की कुंडली के ग्रहों के गहन अध्ययन के बाद एक और बात निकलकर आई है कि मोदी की कुंडली में इन दिनों ग्रहों की उथल-पुथल जारी है. कुंडली में बृहस्पति का कु-प्रभाव इनके चुनावी राह में रोड़े अटकाने के साथ ही पीएम पद की राह में कांटे उत्पन्न कर सकता है. ज्योतिषों का कहना है कि वाराणसी में मोदी के निकटतम प्रतिद्वंदी अरविंद केजरीवाल की कुंडली में लग्नेश का अंतर उनके जनमत संग्रह को और मजबूत बना रहा है.

इसके साथ ही अजय राय के ग्रहों की स्थिति भी मजबूत है जो कहीं न कहीं नरेंद्र मोदी के वोटों पर भी असर डालने का काम करेगा. काशी के ज्योतिषियों का दावा है कि यदि जल्द ही मोदी ने बृहस्पति की पूजा नहीं करवाई तो उन्हें न सिर्फ वाराणसी बल्कि प्रधानमंत्री की कुर्सी से भी समझौता करना पड़ सकता है.

Advertisement

ज्योतिषी और अखिल भारतीय विद्वत परिषद के संयोजक पंडित कामेश्वर उपाध्याय कहते हैं, 'मोदी की कुंडली में राजयोग है. उनका जीवन अपराजेय स्थिति है, लेकिन जीवन में संघर्ष रहेगा. प्रधानमंत्री बनने में बाधा भी है. मोदी की कुंडली के दुष्परिणाम से विरोधी एक होंगे. राहु के द्वारा ऐसी परिस्थितियां है, लेकिन वो इससे लड़ेंगे.' ज्योतिषचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी कहते हैं कि नरेंद्र मोदी, केजरीवाल और अजय राय की कुंडली एक-दूसरे को टक्कर दे रही है. मोदी की कुंडली में राजयोग है, लेकिन गोचर में पंचम भाव का बृहस्पति अष्टम भाव में बैठा है जो बाधा उत्पन्न कर रहा है.

Advertisement
Advertisement