कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए. भाजपा से टिकट न मिलने पर वे काफी नाराज दिखे. इंडिया टुडे से बातचीत में उन्होंने कई राज खोले. जगदीश शेट्टार ने कहा कि उनका पूरा सियासी जीवन बेदाग रहा है, फिर भी बीजेपी से टिकट न मिलना उन्हें हैरान करता है. शेट्टार ने बताया कि मैंने अनुरोध किया, कम से कम मुझे सातवीं बार चुनाव लड़ने का अवसर दें, मैं छह महीने बाद विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा और चुनावी राजनीति से सन्यास ले लूंगा. अपने स्वाभिमान को बचाने के लिए मैंने एक अवसर मांगा. उसे भी अस्वीकार कर दिया गया.
इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई के साथ एक विशेष बातचीत में, शेट्टार ने कहा, 'मैंने सभी से टिकट न मिलने का कारण पूछा. क्या इसका कारण उम्र रहा? मैं 67 वर्ष का हूं, बीजेपी ने 75 वर्ष के नेताओं को टिकट दिया है. क्या मेरी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि है. या भ्रष्टाचार के कोई आरोप हैं? मेरा राजनीतिक जीवन बेदाग रहा है, कोई काला धब्बा नहीं है.'
कांग्रेस में हुए शामिल
जगदीश शेट्टार उत्तर कर्नाटक क्षेत्र के लिंगायत नेता पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, महासचिव केसी वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला (कर्नाटक प्रभारी), केपीसीसी अध्यक्ष डीके शिवकुमार और विधानमंडल दल के नेता सिद्धारमैया की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हो गए.
6 बार रहे विधायक
जगदीश शेट्टार भाजपा से छह बार विधायक रहे. उन्होंने विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता, पूर्व अध्यक्ष और पार्टी अध्यक्ष के तौर पर भी अपनी सेवाएं दीं.
10 मई को मतदान और 13 मई को नतीजे
यह पूछे जाने पर कि वह कांग्रेस में क्यों गए, शेट्टार ने कहा कि भाजपा ने मुझे अपमानित किया. मेरा स्वाभिमान प्रभावित हुआ, इसलिए मुझे कुछ राजनीतिक फैसले लेने पड़े. लिंगायत नेता ने कहा, कुछ लोगों ने पूरी पार्टी पर नियंत्रण कर लिया है. भाजपा में वापसी की संभावना पर शेट्टार ने कहा कि अगर बीजेपी अगले महीने चुनाव जीतती है तो वह विपक्ष में कांग्रेस नेताओं के साथ बैठेंगे. मालूम हो कि कर्नाटक में 10 मई को मतदान और 13 मई को नतीजे आएंगे.