जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन को लेकर भारतीय जनता पार्टी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच बातचीत जारी है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि दोनों पार्टियों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर पेच फंसा हुआ है. दरअसल पीडीपी चाहती है कि मुफ्ती मुहम्मद सईद 6 साल के लिए सूबे के मुख्यमंत्री बनाए जाएं. इसके अलावा न्यूनतम साझा कार्यक्रम पहले ही तय हो ताकि विवादित मुद्दों पर स्थिति पहले से ही स्पष्ट रहे.
कश्मीर में सत्ता की चाबी बीजेपी के पास
सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस संबंध में बीजेपी नेता राम माधव और पीडीपी नेता मुजफ्फर हुसैन बेग के बीच दो दौर की बातचीत हुई है. पीडीपी चाहती है कि गठबंधन को अंतिम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुफ्ती सईद मुहम्मद की बातचीत के बाद दिया जाए.
वैसे पीडीपी ने सरकार बनाने के लिए दूसरे विकल्प भी खुले रखे हैं. पार्टी कांग्रेस के साथ भी संपर्क में है. इसके अलावा वह सज्जाद लोन और निर्दलीय विधायकों से भी बातचीत कर रही है. बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस से बाहर से समर्थन लेने पर भी विचार कर सकती है. गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबुदल्ला चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद कहा था कि अगर पीडीपी समर्थन मांगती है तो पार्टी विचार करेंगे.
आपको बता दें कि गुरुवार को ऐसी खबरें भी आई थीं कि बीजेपी उमर अब्दुल्ला की पार्टी एनसी से समर्थन लेकर सरकार बना सकती है. इसे लेकर दोनों पार्टी के नेताओं में बातचीत भी हुई. हालांकि आधिकारिक तौर पर इन खबरों का खंडन किया गया. पर सूत्र बताते हैं कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक बीजेपी के शर्तों पर सरकार बनाने के पक्ष में नहीं हैं. पार्टी नेताओं से फीडबैक लेने के बाद उमर अब्दुल्ला ने फिलहाल बीजेपी को समर्थन नहीं देने का फैसला किया है.
इस बार जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में पीडीपी 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. बीजेपी घाटी में एक भी सीट जीतने में तो सफल नहीं हो सकी पर उसके खाते 25 आए. जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 सीटें मिलीं. अन्य के पास 7 सीटें गईं.