बीजेपी के सीनियर नेता जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह ने पार्टी के कामकाज से एक महीने की छुट्टी मांगी है. बीजेपी विधायक मानवेंद्र ने खराब सेहत का हवाला दिया है. हालांकि, जसवंत ने इससे इनकार किया है कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए उनसे संपर्क किया है. उन्होंने कहा कि वो कांग्रेस ज्वाइन नहीं करेंगे लेकिन कल (सोमवार को) बाड़मेर से पर्चा दाखिल करेंगे.
गौरतलब है कि राजस्थान के बाड़मेर से लोकसभा का टिकट नहीं मिलने से जसवंत सिंह नाराज हैं. सिंह ने बाड़मेर सीट की अपनी मांग पर कोई समझौता करने से इंकार कर दिया है और सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का विकल्प खुला रखा है. सिंह अभी दार्जिलिंग सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
राज्य की सीएम वसुंधरा राजे के कहने पर जसवंत सिंह का टिकट काटा गया है और कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए कर्नल सोनाराम चौधरी को बीजेपी प्रत्याशी बनाया गया है. हालांकि, जसवंत की बगावत पर वसुंधरा की सांस फूल गई है. सीएम ने बीजेपी के 8 विधायकों को जयपुर बुलाया है. उधर, जसवंत की नाराजगी का फायदा उठाने में कांग्रेस भी जुटी हुई है.
सुषमा ने आग में घी डाला
बीजेपी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने जसवंत सिंह को राजस्थान के बाड़मेर से टिकट नहीं दिए जाने का विरोध किया है.सुषमा ने साफ किया कि बाड़मेर से टिकट का फैसला पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की ओर से नहीं किया गया और वह इस कदम से दुखी हैं. उन्होंने कहा, 'जहां तक जसवंत सिंह जी के मुद्दे का सवाल है तो यह पार्टी का फैसला था. यह सामान्य फैसला नहीं था. इस तरह के आसाधरण फैसले बिना किसी वजह के नहीं किए जाते हैं. इसकी कुछ वजह होनी चाहिए क्योंकि यह एक ऐसा टिकट था जिस पर चुनाव समिति ने फैसला नहीं किया.
मनाने में जुटे राजनाथ
नाराज जसवंत सिंह को मनाने की कोशिश भी चल रही है. बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि जसवंत सिंह वरिष्ठ नेता हैं और उनकी सेवाओं का पार्टी उचित उपयोग करेगी. जसवंत सिंह के पार्टी छोड़ने संबंधी खबरों पर राजनाथ ने कहा कि उनकी प्रतिष्ठा को टिकट के आधार पर नहीं आंका जाना चाहिए.