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झारखंड चुनाव: रिश्वतखोरी, स्थिरता और क्षेत्रीय मुद्दों की रहेगी बड़ी भूमिका

झारखंड में दो बार खंडित जनादेश के बाद राज्य के लोगों को इस बार बहुमत वाली सरकार चुनने का मौका मिलने जा रहा है. यहां कई नेताओं का मानना है कि मतदाताओं की पसंद के लिए स्थानीय मुद्दे अहम होंगे. बीजेपी का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच लोगों को प्रभावित करेगी.

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झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन

झारखंड में दो बार खंडित जनादेश के बाद राज्य के लोगों को इस बार बहुमत वाली सरकार चुनने का मौका मिलने जा रहा है. यहां कई नेताओं का मानना है कि मतदाताओं की पसंद के लिए स्थानीय मुद्दे अहम होंगे. बीजेपी का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच लोगों को प्रभावित करेगी.

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बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक सरयू राय ने कहा, ‘वृहद राष्ट्रीय मुद्दों के साथ विधानसभा चुनाव में स्थानीय विषय महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व और विकास से जुड़ी उनकी सोच गहरा प्रभाव डालेगी.’ 21 अगस्त को रांची की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से बहुमत वाली सरकार देने की अपील की थी ताकि झारखंड को विकसित राज्य के रूप में बदला जा सके.

राय ने कहा कि मतदाताओं को आभास हो गया है कि पिछले 14 वर्षों के दौरान कैसे अस्थिर सरकार और विश्वसनीय विपक्ष के अभाव में झारखंड को तेलंगाना जैसे नवसृजित राज्यों से मुकाबला करना पड़ रहा है, जबकि इसके साथ गठित उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य आगे निकल गए हैं.

उन्होंने कहा, ‘छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड विकास के सूचकांक पर काफी आगे बढ़ गए हैं और अब हमें तेलंगाना जैसे नवसृजित राज्य से मुकाबला करना पड़ेगा.’ झारखंड में पिछले 14 वर्षों की अवधि में नौ सरकारें बनी और तीन बार राष्ट्रपति शासन लगा. 2005 और 2009 के विधानसभा में खंडित जनादेश सामने आया था. राज्य में पांच चरणों में चुनाव कराने का कार्यक्रम निर्धारित है जो 25 नवंबर से शुरू होगा.

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जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य का मानना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान स्थानीय मुद्दे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं, राष्ट्रीय मुद्दे नहीं. उन्होंने कहा, ‘विधानसभा चुनाव में सुशासन, रोजगार, कानून एवं व्यवस्था, कल्याण पहल, सशक्तिकरण और अन्य मुद्दे मायने रखते हैं.’ उन्होंने दावा किया कि जो काम जेएमएम के नेतृत्व वाली सरकार ने 14 महीने में किया, वह पहले की सरकारें 14 सालों में भी करने में विफल रहीं और यही मुद्दे हैं जो मतदाताओं को प्रभावित करेंगे.

भट्टाचार्य ने आगे कहा कि जेएमएम स्थिरता, सुशासन और विकास के मुद्दे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व और पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन के मार्गदर्शन में चुनाव के मैदान में उतरेगी. बीजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि विधानसभा चुनाव में 70 फीसदी स्थानीय मुद्दे और 30 प्रतिशत राष्ट्रीय मुद्दे हावी रहेंगे. चुनाव में बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य, पेयजल, सिंचाई, कानून एवं व्यवस्था जैसे मुद्दे प्रमुख होंगे.

सीपीआई एमएल विधायक विनोद कुमार सिंह ने भी कहा कि विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे हावी रहेंगे.

- इनपुट भाषा से

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