बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और सांसद पप्पू यादव के बीच रविवार को हुई मुलाकात के बाद बिहार के राजनीतिक समीकरण बदलते दिख रहे हैं. करीब एक घंटे के मुलाकात के बाद दोनों नेता जब मीडिया से रुबरु हुए तो उनका अंदाज कुछ अलग था. मांझी ने बीजेपी को आंख दिखाते हुए स्पष्ट संकेत दिए कि अगर सीट शेयरिंग में सम्मानजनक बातें नहीं हुईं तो उनके लिए दूसरे रास्ते खुले हुए हैं.
मांझी की इस बात का मतलब साफ है कि अगर उन्हें सीटों के बंटवारे में नजरअंदाज किया गया तो वे एनडीए से अलग होकर भी चुनाव लड़ सकते हैं और बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस का हाथ भी थाम सकते हैं. हालांकि मांझी ने यह भी कहा कि अगर एनडीए से बात नहीं बनी तो वह और पप्पू यादव साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे.है.
'मांझी से बेहतर कोई नहीं'
जन अधिकार पार्टी के मुखिया पप्पू यादव ने कहा कि बिहार के लिए जीतन राम मांझी से बेहतर मुख्यमंत्री उम्मीदवार कोई और नहीं हो सकता है. एनडीए को मांझी को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित कर देना चाहिए.
20 जुलाई के बाद होगा फैसला
मांझी ने कहा कि बीजेपी से अभी गठबंधन पर पूरी बातचीत नहीं हुई है. सीट बंटवारे पर अभी बातचीत होनी है. एनडीए में पप्पू यादव शामिल होंगे या नहीं यह इनका व्यक्तिगत फैसला है. 20 जुलाई के बाद हम दोनों के साथ चुनाव लड़ने पर फैसला होगा.
NDA में हो सकते हैं शामिल
सूत्र के मुताबिक, पप्पू यादव भी एनडीए में शामिल हो सकते हैं. उनकी बीजेपी के कुछ केंद्रीय नेताओं से बातचीत चल रही है. हालांकि, बिहार बीजेपी में पप्पू को लेकर मतभेद है. लेकिन पार्टी आलाकमान की दिक्कत यह है कि वह नीतीश-लालू-कांग्रेस के महागठबंधन के खिलाफ मजबूत होकर ही उतरना चाहती है.
'मैं वोटकटवा नहीं बनूंगा'
राजनीति के माहिर खिलाड़ी पप्पू यह बात भली-भांति समझते हैं, इसलिए वह बीजेपी को संकेतों में चेताने से भी नहीं चूक रहे. उन्होंने कहा, 'मैं वोटकटवा नहीं बनूंगा. न ही मैंने जाने की कोई अर्जी दी है. लेकिन मैं किसी न किसी गठबंधन में लड़ूंगा. अगर बीजेपी नहीं तो कांग्रेस.'