चुनाव से ठीक पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है. किशनगंज संसदीय क्षेत्र से जेडीयू कैंडिडेट अख्तरुल इमान ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है. उन्होंने कांग्रेस कैंडिडेट के समर्थन में ऐसा करने का फैसला किया है.
जेडीयू उम्मीदवार अख्तरुल इमान ने कहा, 'अल्पसंख्यक वोटों को बंटने से रोकने के लिए कांग्रेस उम्मीदवार और इस सीट से मौजूदा सांसद के पक्ष में नाम वापस लेने का फैसला किया है.'
गौरतलब है कि इमान हाल ही में आरजेडी से इस्तीफा देकर जेडीयू में शामिल हुए थे. इमाम आरजेडी के उन 13 विधायकों में से हैं जिन्होंने लालू यादव की पार्टी के खिलाफ बगावत की थी. इमान किशनगंज जिले के कोचाधमन सीट से विधायक हैं. बगावत के इनाम के तौर पर नीतीश कुमार ने उन्हें किशनगंज से लोकसभा टिकट दिया था.
इमान के नाम वापस लेने के बाद किशनगंज में कांग्रेस उम्मीदवार असरारुल हक और बीजेपी कैंडिडेट डीके जायसवाल के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा. इस सीट पर 24 अप्रैल को मतदान होना है.
इमान ने बताया कि उन्होंने अपने फैसले की जानकारी देने के लिए नीतीश कुमार से बात करने की कोशिश की थी, पर उनसे संपर्क नहीं हो सका. उन्होंने कहा कि इस फैसले के बारे में किशनगंज के स्थानीय जेडीयू नेताओं को जानकारी दे दी गई है.
इमान ने कहा, 'मेरा मकसद नरेंद्र मोदी जैसे सांप्रदायिक ताकतों को हराना है. सेकुलर मोर्चे को मजबूती देने के लिए मैंने अपनी उम्मीदवारी वापस ली.' हालांकि, अख्तरुल इमाम ने साफ किया वे जेडीयू में बने रहेंगे.
सूत्रों के मुताबिक, इमान को नीतीश कुमार से उम्मीद के मुताबिक समर्थन नहीं मिल रहा था और उम्मीदवारी वापस लेने की मुख्य वजह यही है. जेडीयू के लिए बड़ा झटका यह है कि पार्टी इस सीट अब कोई नया उम्मीदवार नहीं खड़ा कर सकती क्योंकि पर्चा दाखिल करने की आखिरी तारीख 9 अप्रैल थी, जो बीत चुका है.