माथे पर पगड़ी, गले में भगवा गमछा, आंखों पर सफेद चश्मा, कलाई पर घड़ी और हर मिलने वाले का अभिनंदन. सहारनपुर के अभिनंदन पाठक का यही अंदाज है. उन्हें पहले पहल देखने वाला हर इंसान उन्हें नरेंद्र मोदी मानता है. हालांकि अभिनंदन इस पर मुस्कुराते हुए जवाब देते हैं कि उनका मकसद सिर्फ मोदी की जनता में उपस्थिति बनाए रखना है. लोग उन्हें 'जूनियर मोदी' बुलाते हैं.
दरअसल, बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी इन दिनों चुनावी तैयारियों में व्यस्त हैं. यही कारण है कि काशी में बीजेपी की ओर से लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाए जाने के बाद वे वाराणसी की जनता के लिए वक्त नहीं निकाल पाए हैं. ऐसे में इन दिनों क्षेत्र में 'जूनियर मोदी' ने मोर्चा संभाल रखा है. वह ना सिर्फ गंगा घाट पर घूमकर जनता का विश्वास जीत रहे हैं बल्कि वाराणसी से मोदी के विरोध में चुनाव लड़ने की बात कहने वाले अरविंद केजरीवाल को सीधे तौर पर चुनौती भी दे रहे हैं.
कौन हैं अभिनंदन पाठक?
'जूनियर मोदी' यानी अभिनंदन पाठक के पिता मूल रूप से फैजाबाद के रहने वाले हैं. वह और उनका परिवार रोजी-रोटी की तलाश में सहारनपुर आए और फिर वहीं बस गए. तीन भाईओं में सबसे बड़े अभिनंदन के नैन-नक्श नरेंद्र मोदी के मेल खाते हैं. बताया जाता है कि बीजेपी ने जबसे प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी पक्की की, घरवालों और स्थानीय लोगों ने अभिनंदन पर दबाव बनाया कि वे वाराणसी जाकर लोगों के बीच मोदी का प्रचार करें. बस, तब से वह मोदी के प्रतिनिधि के तौर पर वाराणसी में पार्टी का प्रचार कर रहे हैं.
अभिनंदन कहते हैं, 'आज पूरे भारत में गुजरात के विकास की गंगा बह रही है. यहां आने का मेरा मुख्य मकसद जनता में मोदी जी की उपस्थिति बनाए रखना है.'
मोदी की ही तरह विपक्ष पर हमला भी
ऐसा नहीं है कि अभिनंदन सिर्फ मोदी का प्रचार कर रहे हैं. क्षेत्र दौरे के दौरान यदि कोई विपक्ष को लेकर सवाल करता है तो वे विपक्षियों पर हमलावर भी होते हैं. वह आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को निशाना बनाने में देर नहीं लगाते हैं और अपनी भाषा और शैली को भी मोदी की ही तरह ढालने का प्रयास करते हैं.
बीजेपी कार्यकर्ता अनूप जयसवाल कहते हैं, 'जनता मोदी जी के आभास की आकृति इनमें महसूस कर रही है. लोगों को अच्छा लग रहा है और उनका होना जनता में जोश और उत्साह का संचार कर रहा है.