कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. कर्नाटक में 12 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 218 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है, जिसमें कांग्रेस ने 91 फीसदी टिकट करोड़पति उम्मीदवारों को दिया है. साथ ही कांग्रेस की सूची देखें तो 32 फीसदी उम्मीदवार ऐसे हैं जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
वहीं, कर्नाटक चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी सूची देखें तो 27 फीसदी उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. चुनाव की रेस में किंग मेकर की भूमिका में दिख रहे जनता दल (सेकुलर) (जेडीएस) ने 29 फीसदी टिकट आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों को दिया है. बता दें कि बीजेपी ने 111 चेहरों पर और जेडीएस ने 58 चेहरों पर दोबारा दांव लगाया है. ये वो चेहरे हैं जो पहले भी पार्टी से चुनाव लड़ चुके हैं.
शोध संस्थान एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) के विश्लेषण के अनुसार कांग्रेस से दोबारा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 28 करोड़ रुपये है, जबकि बीजेपी की तरफ से दोबारा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 8 करोड़ रुपये और जेडीएस के उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 14 करोड़ रुपये है. बीजेपी के 97 उम्मीदवार करोड़पति हैं. वहीं, जेडीएस ने 46 करोड़पति उम्मीदवारों को टिकट दिया है.
कांग्रेस की तरफ से दोबारा चुनाव लड़ रहे 148 उम्मीदवारों में से 48 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की घोषणा की है. भाजपा ने 111 लोगों को दोबारा टिकट दिया है. जिसमें से 30 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं.
वहीं, जेडीएस की तरफ से दोबारा लड़ रहे 58 उम्मीदवारों में से 17 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. कांग्रेस और जेडीएस, दोनों पार्टियों के 16 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं, जबकि बीजेपी के 17 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं.
एडीआर और कर्नाटक इलेक्शन वॉच ने इन उम्मीदवारों के हलफनामे में दी गई जानकारी के आधार पर विश्लेषण किया, जो कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव और उप-चुनावों के दौरान दिए गए थे. एडीआर ने कहा कि उम्मीदवारों पर आपराधिक आरोपों के बारे में नवीनतम जानकारी 2018 कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के हलफनामे दर्ज कराने के बाद उपलब्ध होगी.