भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता नरेंद्र मोदी और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल की उम्मीदवारी के कारण काशी इन दिनों सुर्खियों में है. वाराणसी की तरफ जाने वाली हर रेलगाड़ी मोदी बनाम केजरीवाल की चुनावी चर्चा से गुलजार है.
दिल्ली से वाराणसी जाते हुए काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस में शुक्रवार को कुछ ऐसी ही चर्चा से दो-चार होना पड़ा. कुछ लोग किसी परिजन को रेलगाड़ी में बिठाने स्टेशन पहुंचे थे. उन्हीं में से किसी ने पूछा, 'क्या मोदी को जिताने जा रहे हो?' सामने से जवाब आया, 'मेरी न मोदी में रुचि है, न केजरीवाल में, जरूरी काम से गांव जा रहे हैं.' रेलगाड़ी चल पड़ी तो मुलाकातिए नीचे उतर गए, लेकिन रेलगाड़ी की रफ्तार के साथ बहस की रफ्तार भी बढ़ती गई. चुनाव में अरुचि रखने वालों ने जो बहस की, वह किसी पेशेवर चुनावी बहस को पीछे छोड़ सकती है.
एक युवक ने बहस में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि चुनाव में रुचि भले न हो लेकिन देशहित में वोट तो देना ही चाहिए. सामने बैठे अधेड़ व्यक्ति ने कहा कि देशहित में है कौन? तीसरे व्यक्ति ने तपाक से कहा कि इस बार मोदी को आजमाया जाना चाहिए. इस बीच अपनी सीट पर अखबार पढ़ रहे एक नौजवान ने एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक में प्रकाशित एक रिपोर्ट सामने बढ़ा दी. रिपोर्ट में गुजरात मॉडल की एक तस्वीर पेश की गई थी. रिपोर्ट में बताया गया था कि साणंद में दो बड़े मोटर कारखानों के बाद वहां के किसानों की आज क्या दशा है, और वे किस मनोस्थिति में जी रहे हैं.
युवक ने रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं को पेश करते हुए सवाल किया कि क्या आप यह मॉडल पूरे देश में चाहेंगे? कुछ देर के लिए चुप्पी छाई रही, फिर एक अन्य अधेड़ व्यक्ति ने पूछा, 'देश के पास भी कोई मॉडल है क्या? जब देश की भौगोलिक स्थिति, सामाजिक स्थिति, भाषा सब भिन्न-भिन्न हैं, तो एक मॉडल से देश कैसे विकास कर सकता है?' इस पर मोदी की वकालत कर रहे व्यक्ति ने कहा, 'तो क्या केजरीवाल को वोट दिया जाना चाहिए?' युवक ने जवाब दिया, 'इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद तो केजरीवाल की बातें सही लगती हैं.'
अधेड़ व्यक्ति ने भी युवक का समर्थन किया, 'केजरीवाल भले आदमी हैं. देश को आज कम से कम हजारों केजरीवाल की जरूरत है.' केजरीवाल के पक्ष में बढ़ते समर्थन को देख मोदी समर्थक ने कहा कि केजरीवाल को बुरा कौन कहता है, बस उनमें अनुभव की कमी है. इस बार जवाब एक बुजुर्ग ने दिया, 'अगर गैर अनुभवी व्यक्ति बड़े-बड़े अनुभवी पंडितों को धूल चटा सकता है, तो मैं समझता हूं कि अनुभवी लोगों को ऐसे ईमानदार युवाओं के लिए रास्ता छोड़ देना चाहिए. आखिर वे इन्हीं गैर अनुभवी युवाओं की ही तो दुहाई दे रहे हैं.'
इस अंतहीन बहस में नए-नए किरदार जुड़ते जा रहे थे, और काशी के दिग्गज दिवंगत कांग्रेसी नेता और स्वतंत्रता सेनानी कमलापति त्रिपाठी द्वारा चलवाई गई काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस अपनी रफ्तार से आगे बढ़ रही थी. आधी रात तक बहस अपने शबाब पर थी, इस बीच एक बुजुर्ग महिला के अनुरोध पर बहस ने विराम लिया और उसमें शामिल लोगों ने भी. लेकिन रेलगाड़ी चलती रही और सुबह पांच बजे वाराणसी स्टेशन पर पहुंचकर उसने विराम लिया. वाराणसी में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान अंतिम चरण के तहत 12 मई को होना है. बीजेपी के मोदी और AAP के केजरीवाल के अलावा कांग्रेस के अजय राय प्रमुख उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं.