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केरल की सत्ता लेफ्ट के हाथ, 83 सीटों पर जीती LDF

माकपा नीत एलडीएफ ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नीत यूडीएफ को करारी शिकस्त देते हुए बहुमत के साथ केरल की सत्ता फिर हासिल कर ली. इसके साथ ही भाजपा ने भी राज्य विधानसभा में अपना खाता खोलकर इतिहास रच डाला. एलडीएफ ने 140 विधानसभा सीटों में से 83 सीटों पर जीत दर्ज की है. यूडीएफ को 47 और भाजपा तथा निर्दलीय को एक एक सीट मिली हैं.

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ओमन चांडी को इस बार कड़ी चुनौती
ओमन चांडी को इस बार कड़ी चुनौती

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माकपा नीत एलडीएफ ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नीत यूडीएफ को करारी शिकस्त देते हुए बहुमत के साथ केरल की सत्ता फिर हासिल कर ली. इसके साथ ही भाजपा ने भी राज्य विधानसभा में अपना खाता खोलकर इतिहास रच डाला.

एलडीएफ ने 140 विधानसभा सीटों में से 83 सीटों पर जीत दर्ज की है. यूडीएफ को 47 और भाजपा तथा निर्दलीय को एक एक सीट मिली हैं.

निदर्लीय समर्थकों को 6 सीटें
वाडक्कनचेरी में यूडीएफ उम्मीदवार अनिल अक्कारा ने सबसे कम तीन मतों के अंतर से जीत दर्ज की है. वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने अपने दम पर 85 सीट जीती हैं, जबकि छह सीटों पर इसके समर्थन वाले निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है.

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बड़े चेहरों ने दर्ज की जीत
एलडीएफ के प्रचार अभियान के प्रमुख चेहरे 93 वर्षीय वीएस अच्युतानंदन और माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य पिनरई विजयन, थॉमस इसाक, ईपी जयराजन और अभिनेता मुकेश एलडीएफ के जीत दर्ज करने वाले प्रमुख चेहरों में शामिल हैं. भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री ओ. राजगोपाल ने माकपा के विधायक वी. शिवनकुट्टी को 8,671 मतों के अंतर से हराकर नेमोम विधानसभा सीट जीत ली.

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भाजपा ने पहली बार खोला खाता
हालांकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कुम्मनम राजशेखरन और पूर्व अध्यक्ष वी मुरलीधरन जैसे वरिष्ठ नेता पार्टी के हारने वाले प्रमुख चेहरों में शामिल हैं, लेकिन पार्टी ने राज्य विधानसभा में पहली बार खाता खोलकर इतिहास रच दिया है. क्रिकेटर श्रीसंत राजनीति में अपनी पहली पारी में मतदाताओं को प्रभावित करने में विफल रहे और उन्हें महज 34,764 मत हासिल हुए.

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यूडीएफ को करना पड़ा हार का सामना
कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) को मुंह की खानी पड़ी है और इसे केवल 47 सीट मिली हैं. यूडीएफ अपने महत्वपूर्ण घटक आईयूएमएल के गढ़ मालमपुरम में 12 सीट हासिल करने में सफल रहा और एर्नाकुलम में भी इसने नौ सीटों पर जीत दर्ज की है.

13 में से 10 पर एलडीएफ
एलडीएफ ने त्रिशूर, कन्नूर, कोझिकोड, कोल्लम, अलापुझा और तिरूवनंतपुरम जिलों में जबर्दस्त प्रदर्शन किया और अधिकतर सीटों पर जीत का परचम फहरा दिया है. त्रिशूर में 13 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक को छोड़कर सभी सीटें एलडीएफ की झोली में चली गईं. कोल्लम में एलडीएफ सभी 10 सीटों को अपनी जीत की आंधी में हासिल कर गया.

पीएम मोदी ने माकपा नेता को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को माकपा के 93 वर्षीय वयोवृद्ध नेता वी एस अच्युतानंदन को फोन किया और केरल विधानसभा चुनाव में वाम लोकतांत्रिक मोर्चे की शानदार जीत की बधाई दी. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'वी एस अच्युतानंदन जी से बात की और उन्हें चुनाव में उनकी विजय और उनकी पार्टी के शानदार प्रदर्शन पर बधाई दी' अच्युतानंदन ने विधानसभा चुनाव के लिए जोरदार प्रचार किया था और इतनी उम्र होने के बावजूद उन्होंने मलमपुझा से चुनाव लड़ा और 27,142 वोट से विजयी रहे.

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ओमान चांडी और मणि की जीते
मुख्यमंत्री ओमन चांडी और पूर्व वित्तमंत्री केएम मणि, जिन्हें रिश्वत के आरोपों के चलते इस्तीफा देना पड़ा था, एलडीएफ की आंधी में बचने में कामयाब रहे, लेकिन उनके चार मंत्रिमंडल सहकर्मी- के. बाबू, जो बार मामले में आरोपों में घिरे थे, शिबू बेबी जॉन (आरएसपी), केपी मोहनन (जदयू), पीके जयलक्ष्मी (कांग्रेस) औंधे मुंह जा गिरे. विधानसभा अध्यक्ष एन शक्तन, उपाध्यक्ष पालोडे रवि और कांग्रेस नेता के. सुधाकरन, पंडलम सुधाकरन, पूर्व मंत्री, डोमिनिक प्रजेंटेशन, पद्मजा वेणुगोपाल और शनिमोल उस्मान यूडीएफ खेमे में हारने वाले प्रमुख चेहरों में शामिल हैं.

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चांडी ने ली हार की जिम्मेदारी
जबरदस्त हार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चांडी ने कहा कि परिणाम एक 'झटका' है और यूडीएफ अप्रत्याशित परिणामों पर विस्तृत चर्चा करेगा. चांडी ने कहा, 'हमने ऐसी हार की उम्मीद नहीं की थी. हार की जिम्मेदारी पार्टी और मोर्चा दोनों की है. मेरी अधिक जिम्मेदारी बनती है क्योंकि मैं मोर्चे का अध्यक्ष हूं.'

माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य एवं मुख्यमंत्री पद के आकांक्षी पिनरई विजयन ने कहा कि जीत एलडीएफ की विकास नीतियों की स्वीकृति है. परिणामों ने यह भी साबित किया है कि लोगों ने 'सांप्रदायिक और विभाजनकारी' शक्तियों को नकार दिया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा अपना खाता कांग्रेस की मदद से खोलने में सफल रही है. अच्युतानंदन ने कहा कि माकपा नीत मोर्चे की जीत यूडीएफ की 'जन विरोधी' नीतियों के खिलाफ मोर्चे के आंदोलन की जीत है. एलडीएफ की जीत लोगों के हित में इसकी नीतियों की जीत है.

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प्रफुल्लित पार्टी सचिव कोडियेरी बालकृष्णन ने कहा कि फैसला यूडीएफ की 'जनविरोधी' नीतियों, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता के खिलाफ है.

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कांग्रेस अध्यक्ष ने भी स्वीकार की हार
केरल प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष वीएम सुधीरन ने कहा कि चुनाव परिणाम एक झटका है और 'हम विनम्रता से इसे स्वीकार करते हैं.' केरल कांग्रेस (एम) के बागी नेता पीसी जॉर्ज की जीत ने भी आश्चर्यचकित करने का काम किया है, जिन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था. उन्होंने पूनजार से 27,000 से अधिक मतों से जीत दर्ज की है.

इस बीच, माकपा और एलडीएफ के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न स्थानों पर विजय जुलूस निकाले और कहीं-कहीं से हिंसा की भी खबरें हैं.

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