आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली में BJP की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार किरण बेदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पार्टी के नए पोस्टर में किरण बेदी को अवसरवादी बताया गया है. वहीं बेदी भी AAP पर वार करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं.
मैं केजरीवाल को वोट नहीं दूंगा, क्योंकि...
मैं किरण बेदी को वोट नहीं दूंगा, क्योंकि...
बीजेपी में शामिल होते ही किरण बेदी AAP के लिए 'अवसरवादी' हो गई हैं और लोगों तक इस बात को पहुंचाने के लिए दिल्ली में जगह-जगह पोस्टर लगाए जा रहे हैं. AAP कभी बेदी को 'अवसरवादी' तो कभी 'जासूस' बता रही है. लेकिन शायद नेताओं में अब भी कन्फ्यूजन है. कभी कुमार विश्वास ये आरोप लगाते हैं कि बेदी लोकपाल आंदोलन में बीजेपी की जासूस के तौर पर काम कर रही थीं, तो कभी केजरीवाल ये कहते हैं कि उन्होंने बेदी को मुख्यमंत्री पद का न्योता दिया था.
अब कुमार विश्वास से ये सवाल लाजिमी है कि बीजेपी के 'भेदिए' को उनके नेता, यानी केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बनने का न्योता क्यों दिया? कुमार विश्वास फंस गए, तो पार्टी की नीति को ढाल बना लिया, लेकिन बात बेदी की है लिहाजा बीजेपी ने तलवार भांजने में देर नहीं लगाई.
बंदर से केजरीवाल की तुलना!
नई दिल्ली सीट से केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी उम्मीदवार नूपुर शर्मा ने कहा, 'केजरीवाल एक डाल से दूसरी डाल पर कूद रहे हैं, माफ कीजिएगा, बंदर भी कूदते हैं. सीधा बोल रही हूं. पिछले साल उन्होंने ही कहा था कि 26 जनवरी का बहिष्कार करो, इससे बड़ा देशद्रोही बयान और कुछ नहीं हो सकता. यह (बेदी का बीजेपी में शामिल होना) अंगूर खट्टे हैं वाली बात हो गई. किरण बेदी ने AAP नहीं ज्वॉइन किया, तो केजरीवाल का दिल टूट गया.'
उन्होंने कहा, 'एक साल में तीन चुनाव लड़ने चले गए, सत्ता चाहिए जी बस, यह होता है अवसरवाद.' वहीं बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, 'जब किरण बेदी जी उनके साथ थीं तो केजरीवाल का मानना था कि किरण सही व्यक्ति थीं दिल्ली की सीएम के लिए, केजरीवाल हारेंगे...'
दिलचस्प ये कि AAP के तमाम आरोपों पर किरण बेदी ने चुप्पी साध रखी है. वो घर-घर घूम रही हैं और दिल्ली की जनता को भरोसा जीतने में जुटी हैं.
प्रशांत भूषण ने भी बेदी को बताया अवसरवादी
जाने-माने वकील और AAP के वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण ने भी किरण बेदी के फैसले को अवसरवादी करार दिया और कहा कि वह चुनावी राजनीति को लेकर अपने पहले के रुख से एकदम पलट गई हैं. प्रशांत ने यह भी कहा कि बेदी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश करने की बीजेपी की चुनावी चाल नाकाम हो जाएगी. प्रशांत भूषण ने कहा, ‘AAP के गठन पर जब बेदी को पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया गया था, तो उन्होंने कहा था कि चुनावी राजनीति में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है. अब वह बीजेपी में शामिल होकर मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी बन गई हैं. यह मौकापरस्ती है.’