अमेठी में वोटिंग से एक दिन पहले आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कुमार विश्वास ने केंद्र सरकार पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया है. मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने हालात की तुलना इमरजेंसी के दौर से कर डाली.
कवि से नेता बने कुमार ने कहा, 'यह स्थिति आपातकाल की याद दिलाती है जब चुनाव परिणाम कांग्रेस के खिलाफ रहा था और इस बार भी वैसा ही नतीजा दोहराया जाएगा.' विश्वास ने आरोप लगाया कि चुनाव में उनके परिश्रम के आखिरी दौर के साथ सरकार के परेशान करने का भी आखिरी दौर चल रहा है. प्रशासन उन्हें और उनके परिजनों को परेशान कर रहा है तथा पत्नी और बहन को गिरफ्तार करने की धमकी दी जा रही है.
उन्होंने 'भाषा' को दिए इंटरव्यू में कहा, 'कांग्रेस ने जिस तरह आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई हैं और जिस तरह कांग्रेसियों की गुंडागर्दी चल रही है, वह आपातकाल की याद दिला रहा है. आपातकाल दोहराया जा रहा है और चुनाव परिणाम भी दोहराया जाएगा.' कुमार विश्वास का मुकाबला कांग्रेस उपाध्यक्ष और यहां से मौजूदा सांसद राहुल गांधी और बीजेपी नेता स्मृति ईरानी से है. उन्होंने अपनी जीत का दावा करते हुए कहा, 'मैं चार महीने से अमेठी में मेहनत कर रहा हूं. अमेठी की जमीनी हकीकत समझने लगा हूं.'
'काले शीशे की गाड़ी से नहीं मिलते वोट'
विश्वास ने चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में प्रियंका गांधी की सक्रियता पर पूछे गये सवाल पर कहा, 'मैं यहां चार महीने से मेहनत कर रहा हूं. अगर यहां किसी गांव में काले शीशे की गाड़ी
निकल जाएगी और उसे देखकर गांव के लोग वोट करेंगे तो मैं मान लूंगा कि लोकतंत्र ऐसा ही होता है. लेकिन अगर कहीं ईश्वर है और कहीं सत्य है तो यह चुनाव तो हम ही जीतेंगे.' उन्होंने
बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका राज्यसभा में पांच वर्ष का कार्यकाल बचा है इसलिए उनके चुनाव लड़ने का कोई औचित्य ही नहीं है. वह बार-बार कहती
थीं कि अमेठी नहीं जाऊंगी लेकिन उन्हें जबरदस्ती यहां भेजा गया है.
'मुझे हराने के लिए हुई कांग्रेस-BJP में डील'
अमेठी में इस बार आम आदमी पार्टी के साथ बीजेपी ने भी पूरी ताकत झोंक दी है. पार्टी ने अपनी उपाध्यक्ष और नरेंद्र मोदी की करीबी स्मृति ईरानी को मैदान में उतारा है. उनके समर्थन में
सोमवार को मोदी ने एक सभा को भी संबोधित किया था और उन्हें अपनी छोटी बहन बताया था.
AAP उम्मीदवार विश्वास ने अमेठी में खुद को हराने के लिए कांग्रेस और बीजेपी के बीच समझौता होने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, 'नरेंद्र मोदी खुद सोनिया गांधी के खिलाफ लड़ने रायबरेली क्यों नहीं गए, क्योंकि वहां सोनिया गांधी जीत रही हैं. लेकिन यहां राहुल गांधी हार रहे हैं. इसलिए मुझे हराने के लिए बीजेपी की कांग्रेस के साथ डील हुई है कि बीजेपी उम्मीदवार खड़ा करे ताकि राहुल गांधी की जीत आसान हो जाए. लेकिन जनता समझने लगी है और ऐसा होगा नहीं.' उन्होंने बुधवार को मतदान में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती के साथ वीडियो निगरानी और वेबकास्टिंग कराए जाने की भी मांग की है.