बीजेपी के 'पितामह' लालकृष्ण आडवाणी आखिरकार मान गए हैं. वे गुजरात के गांधीनगर से ही चुनाव लड़ेंगे. इस बाबत उन्होंने आधिकारिक बयान भी जारी किया है.
अपने बयान में आडवाणी ने कहा है कि गुजरात उनके दिल से जुड़ा है. आडवाणी ने शिवराज सिंह चौहान का शुक्रिया भी अदा किया है. इसके साथ बीजेपी के अंदर चुनाव टिकट को लेकर चल रहे मोदी और आडवाणी के बीच चल रहे शीत युद्ध पर अल्पविराम तो लग गया है.
लालकृष्ण आडवाणी का बयान
पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मुझे कल पार्टी की गुजरात इकाई के प्रस्ताव और चुनाव समिति के फैसले के बारे में बताया था. मुझे गांधीनगर से चुनाव लड़ना चाहिए.
आज सुबह गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी मेरे घर पर आए और आग्रह किया कि गुजरात की जनता चाहती है कि मैं एक बार फिर गांधीनगर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करूं.
आज श्री राजनाथ सिंह ने मुझे जानकारी दी कि बीजेपी की मध्य प्रदेश इकाई ने भी भोपाल से लोकसभा टिकट के लिए मेरे नाम प्रस्तावित किया है. उन्होंने आगे बताया कि पार्टी के संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति के सभी सदस्यों से विचार-विमर्श के बाद सीट चुनने का फैसला पार्टी ने मुझपर छोड़ दिया है.
पार्टी के साथियों के इस रवैये ने मेरे दिल को छुआ है. मैंने कुछ हफ्ते पहले ही कहा था कि मैं गांधीनगर से लोकसभा चुनाव लड़ूंगा. 1947 में करांची छोड़ने के बाद मैं गुजरात से दिल से जुड़ा रहा हूं. मैंने इस राज्य से लोकसभा और राज्यसभा का सदस्य बना. 1991 से अब तक गांधीनगर सीट का प्रतिनिधित्व करने के बाद मैंने यह फैसला किया है कि इस बार भी गांधीनगर से ही चुनाव लड़ूंगा. मैंने अपने विचार राजनाथ सिंह को बता दिए हैं.
भोपाल संसदीय क्षेत्र से मेरा नाम प्रस्तावित करने के लिए मैं भोपाल के सांसद श्री कैलाश जोशी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, एमपी बीजेपी के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और राज्य चुनाव समिति के सभी सदस्यों का शुक्रिया अदा करता हूं.
काफी मान मनौव्वल के बाद माने आडवाणी
इससे पहले सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि काफी मान मनौव्वल और संघ के हस्तक्षेप के बाद आडवाणी गांधीनगर सीट से चुनाव लड़ने के लिए मान गए. बताया जाता है कि कल रात मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत से भेंट की. समझा जाता है कि उन्होंने उनसे मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया.
बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी खुद आडवाणी के निवास पर आज गए और उनसे गांधीनगर सीट से चुनाव लड़ने के पार्टी के निर्णय पर सहमत होने का आग्रह किया. आडवाणी इस सीट से पांच बार लोकसभा सदस्य निर्वाचित हो चुके हैं. मोदी के अलावा अरुण जेटली, एम वेंकैया नायडू, सुषमा स्वराज और नितिन गडकरी जैसे वरिष्ठ नेता भी इस मुद्दे पर आडवाणी से मुलाकता कर कर चुके हैं.