बिहार में आरजेडी के चुनाव प्रचार में टमटम के खिलाफ PETA की चिट्ठी पर पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद ने जमकर अपनी भड़ास निकाली है. लालू प्रसाद ने ट्विटर पर लिखा है कि PETA पहले यह बताए कि लालू यादव के चुनाव प्रचार के साथ ही टमटम में घोड़ों का प्रयोग शुरू हुआ या सदियों से होता आ रहा है? और तब पेटा कहां थी.
लालू प्रसाद ने पशुओं के लिए काम करने वाली संस्था पेटा को सीधी चुनौती देते हुए कहा कि वह अपने प्रचार से टमटम नहीं निकाल सकते. लालू ने कहा, 'कौन है ये पेटा? अब हम 50,000 टमटम निकालेंगे.'
Nahi nikaal sakte hain (Tamtam)? Kaun hai ye (PETA), ab hum 50,000 (Tamtam) nikaalenge: Lalu Prasad Yadav pic.twitter.com/JoWI4UOBI8
— ANI (@ANI_news) August 1, 2015
ट्विटर पर लालू ने पेटा से पूछा है कि रेसकोर्स में जब अमीरों के शर्तों पर घोड़े दौड़ते हैं तो PETA के पेट में दर्द क्यों नहीं होता?
रेसकोर्स में अमीरों के शर्तों पर घोड़े दौड़ते हैं तो PETA के पेट में दर्द नहीं होता, तब तो घोड़ों का कल्याण होता है ना !
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) August 4, 2015
PETA यह बताए कि लालू यादव के चुनाव प्रचार के साथ ही टमटम में घोड़ों का प्रयोग शुरू हुआ या सदियों से होता आ रहा है ? तब PETA कहाँ थी?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) August 4, 2015
गरीबों का पेट भरने टमटम में घोड़े दौड़ रहे हैं तो PETA के पेट में मरोड़ आने लगा ! गाड़ियों के दौर में भी लोग पेट भरने को घोडों पर निर्भर हैं
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) August 4, 2015
टमटम मालिकों का अपने घोड़ों के संग परिवार सा जुडाव होता है, इन घोड़ों को रेस के घोडों की तरह बूढा होने पर गोली नहीं मार दिया जाता!
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) August 4, 2015
क्या लिखा है पेटा ने चिट्ठी में