कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का रिश्ता तो कुछ ऐसा बन गया है कि ना तो टूटता दिखाई देता है और ना ही जुड़ता. तकरार और बयानबाजी के तमाम तीर तरकश में रखकर इसके नेता अपनी दोस्ती की गाड़ी को पटरी पर रखने का जतन तो खूब कर रहे हैं लेकिन अब तक कुछ खास हासिल नहीं हो पाया है.
उत्तर प्रदेश में सीटों के बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के तालमेल की गाड़ी पटरी पर नहीं आ पाई. समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 74 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया. हालांकि पार्टी ने ये साफ कर दिया है कि वो कांग्रेस के 6 वर्तमान सांसदों के खिलाफ उम्मीदवार नहीं खड़ा करेगी लेकिन इतना तय हो गया है कि सुलह-सफाई के तमाम रास्ते अब बंद हो चुके हैं.
दरअसल समाजवादी पार्टी प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 65 पर उम्मीदवारी का दावा ठोंक रही थी और चाहती थी कि कांग्रेस 15 सीटों पर ही अपने उम्मीदवार खड़ा करे. लेकिन बात नहीं बन पाई.
कांग्रेस ने भी प्रदेश की 24 सीटों के लिए पहले ही उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया था. अब समाजवापार्टी ने प्रदेश की 74 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला कर ये साफ कर दिया है कि कांग्रेस के तीन वर्तमान सांसदों के खिलाफ भी उसके प्रत्याशी मैदान में होंगे. यानि चुनाव से पहले दोनों दलों के बीच संबंधों का नया समीकरण तैयार हो चुका है.