हिन्दुस्तान की राजनीति में आज की तारीख यादगार होने जा रही है. दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में देश में पहली बार आम आदमी पार्टी की सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होने जा रहा है. खास बात यह है कि समारोह में किसी तरह का वीआईपी तामझाम नहीं होगा.
बतौर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का 'राजतिलक' होगा, जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ सिर्फ अपनी जिद पर राजनीति की दिशा मोड़ दी और राजनीति के इतिहास में नाम दर्ज करा लिया. केजरीवाल और उनकी कैबिनेट के सभी 6 भावी मंत्री शपथ ग्रहण समारोह में भारी-भरकम सुरक्षा, तामझाम या लाव-लश्कर के साथ नहीं, बल्कि आम आदमी की तरह ही मेट्रो में सवार होकर पहुंचेंगे.
शपथ ग्रहण समारोह में अन्ना हजारे, केजरीवाल की पूर्व सहयोगी किरण बेदी, जस्टिस संतोष हेगड़े और एडमिरल रामदास के अलावा किसी के बैठने के लिए वीआईपी इंतजाम नहीं है. खास और आम के साथ केजरीवाल के परिवार के लोग भी उसी दर्शक दीर्घा में विराजमान होकर दिल्ली में ऐतिहासिक शपथ ग्रहण के गवाह बनेंगे, जिसमें दिल्ली और देश के दूसरे हिस्सों से आए आम लोग मौजूद होंगे.
दिल्ली के रामलीला मैदान में इतिहास के न जाने कितने पन्ने गढ़े गए हैं. हिन्दुस्तान में बदलाव की सियासत का एक और पन्ना आज इसी रामलीला मैदान में फिर इतिहास की तारीखों में दर्ज हो रहा है. इतिहास के उस पन्ने में सबसे ऊपर जिस शख्स का नाम लिखा होगा, वो हैं अरविंद केजरीवाल.
महज 28 महीने पहले इसी रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए एक क्रांति ने जन्म लिया था. इसी रामलीला मैदान में दिल्ली में एक ऐसी सरकार शपथ लेने जा रही है, जिसका मकसद ही है भ्रष्टाचार का खात्मा.
दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी के नेताओं की सादगी, सच्चाई और निष्ठा पर जरूरत से ज्यादा भरोसा किया, तो आम आदमी पार्टी की सरकार भी कोशिश करेगी कि जनता का भरोसा नहीं टूटे. पार्टी की कोशिश है कि कथनी और करनी में कोई फर्क नजर नहीं आए.
रामलीला मैदान में होने वाला शपथ ग्रहण सिर्फ केजरीवाल की ताजपोशी का ही शपथ ग्रहण नहीं है, बल्कि दिल्ली के साथ पूरे देश की उम्मीदों का शपथ ग्रहण भी है.
बहरहाल, आम आदमी पार्टी को सरकार बनाने के साथ जनता की उम्मीदों पर भी खरा उतरकर ऐतिहासिक शपथ ग्रहण को सार्थक बनाना होगा.