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बीजेपी संसदीय दल के नेता चुने गए नरेंद्र मोदी, मोदी ने संसद भवन की सीढ़ियों पर माथा टेका

संसद भवन में बीजेपी के संसदीय दल  की बैठक में नरेंद्र मोदी को सर्वसम्‍मति से नेता चुन लिया गया. इस मौके पर पार्टी के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी ने मोदी के नाम का प्रस्‍ताव  किया जिसका सभी सांसदों ने समर्थन किया.

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नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी

संसद भवन में बीजेपी के संसदीय दल  की बैठक में नरेंद्र मोदी को सर्वसम्‍मति से नेता चुन लिया गया. इस मौके पर पार्टी के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी ने मोदी के नाम का प्रस्‍ताव  किया जिसका सभी सांसदों ने समर्थन किया. 

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बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा, 'यह एक अभूतपूर्व क्षण है. युगांतकारी क्षण है. जैसी शानदार सफलता हमारी पार्टी ने प्राप्त की है. इसका श्रेय हमारे मतदान केंद्र पर काम करने वाले बीजेपी कार्यकर्ता से लेकर शिखर के नेतृत्व तक जाता है. जो भी भाषण करना होगा. आज संसदीय पार्टी के नेता के चुनाव के बाद ही करूंगा. चूंकि समय हो चुका है. इसलिए मैं इस समय चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ करता हूं. यह भी जानकारी देना चाहता हूं कि जिसे बतौर पीएम कैंडिडेट प्रोजेक्ट किया, नरेंद्र भाई मोदी का संसद के सेंट्रल हॉल में पहली बार आना हो रहा है.

मैं पूछ रहा था कि बतौर सीएम कभी आना हुआ या नहीं. उन्होंने बताया, नहीं हुआ है. इस कारण भी यह क्षण हर्ष का है. ज्यादा कुछ न कहते हुए यही कहूंगा अध्यक्ष के रूप में नहीं, निर्वाचन अधिकारी के रूप में कहूंगा. चुनाव निष्पक्ष और निर्भीक होकर होना चाहिए.

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मैं भारतीय जनता पार्टी संसदीय दल के नेता के लिए नाम आमंत्रित करता हूं.'

मोदी के नाम का प्रस्ताव करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, 'अध्यक्ष जी ने इस सेंट्रल हॉल का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारी पार्टी द्वारा नामांकित प्रधानमंत्री पद के नेता नरेंद्र मोदी का मैं प्रस्ताव करूं.'
इस पर राजनाथ सिंह ने कहा, 'मैं निर्वाचक अधिकारी हूं. आपको नाम प्रस्तावित करना है.'
आडवाणीः हां, मगर हम पहले ही ये तय कर चुके हैं कि किस नाम के साथ जनता के सामने जाना है. मैं पीछे देख रहा था. 1946 से लेकर जनवरी 1950 तक इसी सभागृह में संविधान सभा बैठी थी. जिसने भारत की आजादी के बाद इसका संविधान कैसा होना चाहिए. इसका निर्णय किया. यह महत्वपूर्ण बात है.

यह बात अलग है कि आजादी पाने के लिए जिसने संघर्ष किया. गांधी जी, सावरकर जी, नेहरू जी, लोहिया जी, श्यामाप्रसाद मुखर्जी का चित्र है. इनका तब सम्मान किया जाता है, जब उनका जन्मदिन आता है. मैं ऐसे मौकों पर सांसदों की उपस्थिति देखने को तरसता रहता हूं. आपको इस कक्ष का इतिहास बता होना चाहिए. भारत का संविधान यहीं स्वीकार हुआ. भारत के लोकतंत्र का श्रीगणेश यहीं से हुआ. मैं निर्वाचन अधिकारी के सामने गुजरात के लोकप्रिय व यशस्वी मुख्यमंत्री व भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार श्री नरेंद्र भाई मोदी के नाम का प्रस्ताव करता हूं.

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समर्थक मुरली मनोहर जोशी
मुझे बहुत प्रसन्नता है कि आडवाणी जी द्वारा प्रस्तावित नाम के द्वारा भारत के नए इतिहास का निर्माण होने जा रहा है. पहली बार इस कक्ष में एक ऐसे नेता का नाम प्रस्तावित कर रहे हैं, जो पूर्ण बहुमत के साथ पहली गैरकांग्रेसी सरकार का नेतृत्व करने जा रहा है. मैं आडवाणी जी द्वारा प्रस्तुत नाम श्री नरेंद्र मोदी का बहुत हर्ष और गर्व के साथ समर्थन करता हूं और महामहिम राष्ट्रपति जी को उनका नाम प्रेषित करने की अपील करता हूं.

वैंकया नायडू
मैं आडवाणी जी द्वारा संसदीय दल के नेता के लिए श्री नरेंद्र मोदी के नाम का समर्थन करता हूं. वह जनता के प्यारे हैं. वह अदभुत जीत लाए हैं. यह लोगों की जीत है. मुझे गर्व है उनके नाम का समर्थन करने का.

नितिन गडकरी
आज ऐतिहासिक दिन है. आडवाणी जी ने इस सभागृह की विशेषता बताई है. मैं भी पहली बार यहां आया हूं नरेंद्र भाई के साथ. जिनके नेतृत्व में हमने जीत हासिल की. मैं आ़डवाणी जी के प्रस्ताव का अनुमोदन करता हूं. देश को यकीन दिलाना चाहता हूं कि इस देश की तकदीर और भविष्य नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में बदलेगा. नरेंद्र भाई को बहुत बहुत सफलता की शुभकामनाएं. 

सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, करिया मुंडा, गोपीनाथ मुंडे, रविशंकर प्रसाद, मुख्तार अब्बास नकवी
'मैं आदरणीय आडवाणी जी द्वारा प्रस्ताव नरेंद्र मोदी के नाम समर्थन करती हूं.'

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राजनाथ सिंहः और कोई दूसरा नाम...
माननीय आडवाणी जी ने संसदीय दल के नेता के रूप में श्री नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव किया. कई वरिष्ठ नेताओं ने पूरे संसदीय दल समेत उसका समर्थन किया.

मोदीः हाथ तो उठवाए नहीं आपने

राजनाथः नहीं नहीं, मैं देख रहा था. सभी के हाथ ताली बजाने में मशगूल थे.
राजनाथः मैं श्री नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी संसदीय दल का नेता चुने जाने का ऐलान करता हूं.

राजनाथ सिंह
मित्रों पार्टी का अध्यक्ष होने के नाते मैं प्रसन्न और रोमांचित हूं. 1977 में जब जनता पार्टी थी, उस समय भी स्पष्ट बहुमत हासिल हुआ था. उस समय कई राजनीतिक पार्टियों को मिलाकर जनता पार्टी बनी थी. और इसके बनने की औपचारिक घोषणा चुनाव के बाद हुई थी. उसके बाद 1989 में यह श्रेय जाता है आदरणीय अटल जी और आडवाणी जी, जिन्होंने भारत की राजनीति को दो ध्रुवीय बनाने का काम किया औऱ हमें उस समय भी अच्छी सफलता प्राप्त हुई. मगर कभी भी किसी गैरकांग्रेसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया था. पहली बार ऐसा हुआ है. आज हम सब बड़े गौरव के साथ कह सकते हैं.

आज 2014 में 16वीं लोकसभा के परिणाम आने के बाद अब भारत की राजनीति भारतीय जनता पार्टी वर्सेस अदर्स हो गई है. यह हमारे लिए गौरव की बात है. एक राजनीतिक विचारधारा, एक दार्शनिक अवधाराणा लेकर हमने अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी. मैं आज याद करना चाहता हूं भारतीय जनसंघ के संस्थापक स्वर्गीय श्यामा प्रसाद मुखर्जी को, स्वर्गीय पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को. जिन्होंने एक स्वावलंबी स्वाभिमानी भारत का स्वप्न देखा था. आडवाणी जी और अटल जी ने इसी के लिए पसीना बहाया.

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मुझे खुशी है कि उनके सपने को अगर किसी के नेतृत्व में हम साकार होते देख रहे हैं, वह आदरणीय नरेंद्र भाई मोदी हैं. जब कभी इस देश में राजनीतिक परिवर्तन हुए हैं. तब जनता की इतनी बड़ी भागीदारी नहीं हुई है. 2009 में जहां पर इस देश की जनता ने लगभग 7.8 करोड़ लोगों ने मतदान किया था. इस बार वोट्स एवर पोल्ड 17.16 करोड़ हो गया.

सर्वाधिक एससी एसटी सांसद भी बीजेपी के ही हैं. इतना ही नहीं जिन राज्यों में बीजेपी की उपस्थिति कमजोर मानी जाती थी ओडिशा, वेस्ट बंगाल, केरल, तमिलनाडु. ऐसे राज्यों में हमारा वोट शेयर बढ़ा है.

अन्य किसी राजनीतिक पार्टी की मैं यहां चर्चा नहीं करना चाहता हूं. हमने सकारात्मक मुद्दों पर चुनाव लड़ा. देश की जनता को बधाई कि उसने डिवेलपमेंट और गुड गवर्नेंस से ध्यान हटने नहीं दिया. कई ऐसे राज्य हैं, जहां बीजेपी ने सभी सीटों पर विजय प्राप्त की. गुजरात, राजस्थान, गोवा, दिल्ली, हिमाचल, उत्तराखंड, दमण दीव, दादर नगर हवेली, चंडीगढ़ और अंडमान निकोबार. हमने लद्दाख से लेकर कन्याकुमारी तक विजय प्राप्त की.

एक बार जब इंग्लैंड में चुनाव हुआ था. तब कंजरवेटिव पार्टी ने लेबर पार्टी पर विजय प्राप्त की थी. लोगों ने इसे ऐतिहासिक कहा था. मगर उस राजनीतिक परिवर्तन के कारण सिर्फ इकोनॉमिक पॉलिसी प्रभावित हुई थी. मगर इस बार के बदलाव के बाद भारत की प्रतिष्ठा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी है. रेटिंग करने वाली एजेंसी मूडी ने भारत को ट्रिपल ए कैटिगरी में खड़ा कर दिया है. हम सिर्फ आर्थिक नहीं, सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से बदलाव लाने में कामयाब होते हैं.

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मैं आज के क्षण नरेंद्र भाई के हैदराबाद भाषण को याद करना चाहता हूं. उन्होंने कहा था यस वी कैन. आज मैं पार्टी अध्यक्ष के नाते कहना चाहता हूं. यस ही विल. करेंगे. और इस विश्वास के साथ कह रहा हूं गुजरात में बतौर सीएम उनका गवर्नेंस का प्रूवन ट्रैक रेकॉर्ड रहा है. समस्त देशवासियों को हार्दिक बधाई.

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