रामविलास पासवान देश में वर्तमान दलित राजनीति के प्रमुख नेताओं में से एक हैं. वे लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी हैं. वे सोलहवीं लोकसभा में बिहार के हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. डालते हैं रामविलास पासवान के राजनीतिक जीवन पर एक नजर:
1. राम विलास पासवान का जन्म 5 जुलाई 1946 को बिहार के खगरिया जिले में एक दलित परिवार में हुआ था. पासवान ने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी से एम.ए. तथा पटना यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया है. छात्र राजनीति में सक्रिय रामविलास पासवान ने जयप्रकाश नारायण के समाजवादी आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
2. 1969 में पहली बार पासवान बिहार के विधानसभा चुनावों में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप निर्वाचित हुए. 1974 में जब लोक दल बना तो पासवान उससे जुड़ गए और महासचिव बनाए गए. आपातकाल का विरोध करते हुए पासवान जेल भी गए.
3. 1977 में छठी लोकसभा में पासवान जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित हुए. 1982 में हुए लोकसभा चुनाव में पासवान दूसरी बार विजयी रहे.
4. 1983 में रामविलास पासवान ने दलितों के उत्थान के लिए दलित सेना का गठन किया. तथा 1989 में नवीं लोकसभा में तीसरी बार लोकसभा में चुने गए. 1996 में दसवीं लोकसभा में वे निर्वाचित हुए. 2000 में पासवान ने जनता दल यूनाइटेड से अलग होकर लोकजनशक्ति पार्टी का गठन किया.
5. बारहवीं, तेरहवीं और चौदहवीं लोकसभा में भी पासवान विजयी रहे. और केंद्र की सरकारों में मंत्री बने. पासवान के बारे में कहा जाता है कि केंद्र में किसी भी दल की सरकार हो रामविलास पासवान मंत्री जरूर होंगे. यहीं कारण है कि रामविलास पासवान अटल बिहारी बाजपेयी की एनडीए सरकार में भी मंत्री थे तो यूपीए-1 की सरकार में मंत्री बने.
6. लेकिन 15वीं लोकसभा के चुनाव में पासवान हार गए और अगस्त 2010 में बिहार से राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए. कार्मिक तथा पेंशन मामले और ग्रामीण विकास समिति के सदस्य बनाए गए.
7. पासवान बार-बार दलों और राजनीतिक खेमों को बदलने के लिए जाने जाते हैं. छात्र आंदोलन के समय से नीतीश कुमार और लालू यादव के साथ जुड़े रहने वाले रामविलास पासवान ने 2009 के लोकसभा चुनावों के लिए फिर लालू के साथ गठबंधन किया और यूपीए से जुड़ गए. लेकिन पासवान को सफलता नहीं मिली. पासवान खुद हाजीपुर से लोकसभा चुनाव हार गए.
8. 2014 के चुनाव में पासवान फिर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए के साथ जुड़ गए और हाजीपुर से लोकसभा चुनाव जीते. उनकी पार्टी के 6 सांसद जीतकर आए और पासवन केंद्र में मंत्री हैं. पासवान के बेटे चिराग पासवान जमुई से जीते.