बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी अपने बिहार दौरे में पूरे फॉर्म में दिखे. आडवाणी ने बिहार में आज दो रैलियों को संबोधित किया. आडवाणी ने इस दौरान सोनिया-राहुल और नीतीश को आड़े हाथ लिया. आडवाणी ने सोनिया गांधी को 'राजमाता' तो राहुल गांधी को 'राजकुमार' करार दिया.
आडवाणी ने कटिहार की सभा में कहा, हमने तो नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है. अब काग्रेस भी अपना उम्मीदवार घोषित करे, वो चाहे राजमाता हो या फिर राजकुमार. आडवाणी ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को भी नहीं बख्शा. बांका रैली में आडवाणी ने कहा कि नीतीश को एनडीए छोड़ने का खामियाजा इस लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा.
आडवाणी ने कहा कि नीतीश ने दोस्ती का अपमान किया है जिसका उन्हें भविष्य में खामियाजा भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा, नीतीश ने बीजेपी से एकतरफा संबंध तोड़ दिया और पार्टी पर चौतरफा हमला शुरू कर दिया. उनका यह आचरण बीजेपी की इस मान्यता से काफी दूर है कि सहयोगियों के साथ दोस्ती का हमेशा सम्मान करें.
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने हमेशा अपने सहयोगियों के साथ दोस्ती का सम्मान किया और कभी उनकी आलोचना नहीं की लेकिन नीतीश कुमार ने न सिर्फ बीजेपी का साथ छोड़ा बल्कि उसकी आलोचना भी की. बीजेपी नेता ने कहा कि नीतीश और जॉर्ज फर्नांडिस 1996 में मुंबई में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आए थे ताकि कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने के लिए किसी मोर्चे के गठन की संभावना तलाशी जा सके. इस लक्ष्य को केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के गठन के तुरंत बाद हासिल कर लिया गया.
आडवाणी ने कहा कि बिहार में 1990 में रथयात्रा के दौरान गिरफ्तारी के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री वी पी सिंह के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार गिर गई थी. पिछले साल बीजेपी से रिश्ते तोड़ने के बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एकतरफा फैसले पर नाखुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश के साथ भी भविष्य में वैसा ही होगा, जैसा वी पी सिंह के साथ हुआ था.