अरविंद केजरीवाल के बड़े रोड शो के बाद वाराणसी के मुस्लिम मतदाता उनसे काफी प्रभावित हुए हैं. बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेन्द्र मोदी को रोकने के प्रयास में लग उनके नेता अब फिर से मंथन कर रहे हैं कि किसे वोट दिया जाए.
एक आर्थिक अखबार ने खबर दी है कि अब 11 मई को मुस्लिम धार्मिक नेता एक बैठक करके गुप्त रूप से तय करेंगे कि किसे वोट दिया जाए ताकि मुस्लिम वोट बंटने न पाए. लेकिन इस बात की पूरी संभावना है कि अब यहां के मुस्लिम मतदाता आम आदमी पार्टी को ही वोट देंगे.
वाराणसी के मुफ्ती अब्दुल बाथिन नूमानी ने अखबार को बताया कि धर्मनिरपेक्षता के सामने आई चुनौतियों को देखते हुए हम अपने लोगों को कह रहे हैं कि वे एक ही ओर वोट दें. हम अपने सम्प्रदाय के वोटों को बंटने नहीं देंगे.
वाराणसी के लगभग 17 लाख वोटरों में लगभग 3.5 लाख वोटर मुस्लिम हैं. इनमें से ज्य़ादातर वाराणसी के शहरी इलाकों में रहते हैं. इनके वोट के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में जबर्दस्त खींचतान है. लेकिन इस समुदाय ने अब तक यह संकेच नहीं दिया है कि वे किसके पक्ष में वोट देंगे.
बीजेपी चाहती है कि मुस्लिम वोटर बंट जाएं ताकि मोदी का जीत बहुत बड़े अंतर से हो. लेकिन अब यह लग रहा है कि उनका रुझान आम आदमी पार्टी की ओर है. केजरीवाल ने मुसलमानों के मुहल्लों में जाकर उन्हें अपनी ओर खींचा है. एक अन्य मुस्लिम ने कहा कि इस बात की संभावना है कि 80 प्रतिशत मुसलमान केजरीवाल को वोट करेंगे. कई कांग्रेसी भी केजरीवाल की ओर झुकते दिख रहे हैं.
कुछ मुस्लिम वोटरों ने अखबार को बताय़ा कि कांग्रेस के उम्मीदवार अजय राय हमेशा पार्टी बदलते रहे हैं और उनका रिकॉर्ड कोई ठीक नहीं है. उन पर अल्पसंख्यक समुदाय का बहुत भरोसा नहीं है. कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवार और क्रिकेटर अजहरूद्दीन की कांग्रेस को वोट देने की अपील का कोई खास असर यहां नहीं दिक रहा है.