आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी बुधवार को अपना घोषणापत्र जारी करेगी. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में घोषणापत्र जारी करेंगी.
मंगलवार रात प्रियंका गांधी ने कांग्रेस मुख्यालय पहुंचकर घोषणापत्र की तैयारियों का जायजा लिया. प्रियंका के साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल, मोती लाल वोरा, जनार्दन द्विवेदी और अन्य नेता थे. प्रियंका के कांग्रेस मुख्यालय दौरे से कांग्रेस के मामलों में उनकी बढ़ती संभावित भूमिका के बारे में फिर से अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं.
रोजगार, भ्रष्टाचार और गरीबी हो सकते हैं मुख्य मुद्दे
मनमोहन सिंह के नेतृत्व में 10 साल तक आर्थिक उदारीकरण की नीति पर चलने के बाद अब राहुल गांधी कांग्रेस में केंद्रीय
भूमिका में आ गए हैं. पार्टी से अब मध्य मार्गी राजनीति के तहत कल्याणकारी उपायों पर विशेष ध्यान देने की उम्मीद है.
स्वास्थ्य सेवा और रोजगार को कानूनी अधिकार के दायरे में लाना इस घोषणा पत्र के मुख्य बिन्दु होंगे. भ्रष्टाचार से निपटने का
दृढ संकल्प, गरीबी रेखा के नीचे और मध्य वर्ग के बीच आने वाली 70 करोड़ की आबादी के विकास, महिलाओं को शक्तिसम्पन्न
बनाने और राजनीति में उनके प्रतिनिधित्व को बढ़ाने का वादा इस घोषणा पत्र की अन्य विशेषताएं हो सकती हैं.
काले धन से जुड़ा वादा भी कर सकती है कांग्रेस
उदारीकरण के बाद के समय में सरकारी नौकरियों में आ रही कमी को ध्यान में रखते हुए घोषणा पत्र में रोजगार सृजन पर
विशेष जोर दिए जाने की उम्मीद है. भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रही और इस मुद्दे को लेकर विपक्ष के आक्रामक प्रचार अभियान
का सामना करने के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र में इस समस्या से निपटने के लिए खास उपायों और साथ ही विदेशों में जमा
काले धन को वापस लाने के बारे में घोषणा किये जाने की संभावना है.
एंटनी की अध्यक्षता में बना मेनिफेस्टो
सूत्रों ने बताया कि व्यापक चर्चा और विचार विमर्श के बाद तैयार घोषणा पत्र के मसौदे को रक्षा मंत्री एके एंटनी की अध्यक्षता
वाली समिति की 16 मार्च को हुई बैठक में लगभग अंतिम रूप दे दिया गया. इसके बाद इसमें कुछ अतिरिक्त जानकारियां और
शामिल की गईं. एंटनी के अलावा घोषणा पत्र समिति में पी चिदंबरम, सुशील कुमार शिंदे, आनंद शर्मा, सलमान खुर्शीद, संदीप
दीक्षित, अजीत जोगी, रेणुका चौधरी, पी एल पूनिया, मोहन गोपाल, जयराम रमेश और दिग्विजय सिंह शामिल हैं.
मध्यम वर्ग और गरीबों पर रहेगा जोर
कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में महंगाई के मुद्दे का उल्लेख रहने और कालाबाजारी और जमाखोरी को रोकने के लिए कड़े उपाय
का जिक्र होने की संभावना है. समझा जाता है कि कांग्रेस के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ ने निजी क्षेत्र में अनुसूचित जाति और
जनजाति के लिए अनिवार्य आरक्षण के संबंध में एक कानून बनाने की जोरदार वकालत की है. इस प्रकोष्ठ के प्रमुख के राजू हैं
जो राहुल गांधी के करीबी सहयोगी हैं.
मध्यम वर्ग और गरीबी रेखा से नीचे के वर्ग के बीच की श्रेणी में आने वाले 70 करोड़ लोगों को न्यूनतम वित्तीय सुरक्षा दिए जाने के मुद्दे पर राहुल गांधी के विचारों को भी पार्टी के चुनावी दस्तावेज में कुछ ठोस स्थान मिल सकता है . ऐसे समय जब शहरी मध्यम वर्ग का झुकाव बीजेपी की ओर प्रतीत हो रहा है, पार्टी में एक राय यह भी है कि कारीगरों और कम आय वाले पेशेवर समूहों, घरेलू और प्रवासी श्रमिकों वाली आबादी का समर्थन पार्टी को मिल सकता है.
उप-घोषणा पत्र भी आ सकता है
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के ग्रामीण निर्धनों तक पहुंचने के लिए महत्वाकांक्षी कार्यक्रम होने के बीच इस बार कांग्रेस की
योजना देश भर में आम आदमी के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को कानूनी रूप देने की है. पार्टी सूत्रों ने यह संकेत दिया कि समाज के
विभिन्न वर्गों के लिए पार्टी का उप-घोषणा पत्र भी जारी हो सकता हैं . घोषणा पत्र का एक बड़ा हिस्सा भ्रष्टाचार का मुकाबला
करने और कानूनी एवं न्यायिक सुधार के बारे में होगा. इसमें रोजगार सृजन, कौशल विकास, स्वास्थ्य सुविधायें कृषि, किसानों
का कल्याण, ग्रामीण विकास, आवास, कमजोर वगो और महिलाओं का सशक्तिकरण, शहरी विकास, परिवहन और ई-गवर्नेंस जैसे
विषयों पर खास तौर पर चर्चा होगी.
ऐसे समय जब निजी अस्पतालों में इलाज महंगा हो रहा है और सरकारी अस्पतालों में काफी भीड़ है, सभी नागरिकों के लिए व्यापक स्वास्थ्य सेवा की गारंटी के संबंध में केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद से राय मांगी गई थी. देश में शहरीकरण का विस्तार होने के साथ ही घोषणा पत्र में सभी नागरिकों को खास न्यूनतम नागरिक सुविधाओं का वादा किए जाने की भी संभावना है.