लोकसभा चुनावों से पहले टिकटों की मारामारी कांग्रेस में भी जारी है. बताया जा रहा है कि कुछ नेता पार्टी से नाराज हैं और अपने गुस्से को पार्टी नेतृत्व तक पहुंचाने में लगे हैं, ताकि चुनाव से पहले उन्हें बेहतर ऑफर मिल सके.
बताया जा रहा है कि एक वरिष्ठ कांग्रेस सांसद सोमवार को सोनिया गांधी के डिनर में इसी वजह से नहीं पहुंचे. उन्होंने पहले ही मुंबई जाने की योजना बना ली थी. दिलचस्प बात यह है कि 'मिस्टर पाल' ने खुद दर्जन भर रिपोर्टरों को फोन करके यह बात बताई, ताकि उनकी नाराजगी नोटिस की जा सके.
एक चर्चा यह भी है कि 'पूर्व' राज्य सभा सांसद और 'पूर्व' प्रवक्ता राशिद अल्वी अपने 'गुस्से' को एक खत के जरिये प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तक पहुंचाने वाले हैं. कांग्रेस के भीतर यह बात छिपी नहीं है कि आम तौर पर विनम्र बने रहने वाले अल्वी के खाते में सभी 'पूर्व' टाइप के पद छोड़ दिए गए हैं और इस बात से वह खासे नाराज हैं. तो खबर यह है कि वह एक तड़कती-भड़कती चिट्ठी पीएम-सोनिया को लिखकर पूछने वाले हैं कि मुजफ्फरनगर दंगों के लिए 'जिम्मेदार' होने के बावजूद जाटों को आरक्षण के तोहफे से क्यों नवाजा गया?
अब राशिद मुजफ्फनगर से सटे मुरादाबाद से चुनाव मैदान में उतरने की कोशिश में हैं. सूत्रों ने बताया है कि चिट्ठी का खाका उनके दिमाग में तैयार है और बहुत जल्द इसे कागज पर भी उतार लिया जाएगा. सूत्र के मुताबिक, राशिद अल्वी खुद अपनी नाराजगी मीडिया तक पहुंचाना चाहते हैं.