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बहुत उदास है बिहार का 'ओसामा बिन लादेन'

मतदाताओं की भीड़ जुटाने के लिए लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान ने पूर्व के चुनाव में संयोग से कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के जैसा दिखने वाले जिस शख्स का इस्तेमाल इस्तेमाल किया था वह आज खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है.

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मिराज खालिद नूर
मिराज खालिद नूर

मतदाताओं की भीड़ जुटाने के लिए लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान ने पूर्व के चुनाव में संयोग से कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के जैसा दिखने वाले जिस शख्स का इस्तेमाल इस्तेमाल किया था वह आज खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है.

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ओसामा के अंत के बाद या किसी और कारण से बिहार में समां बदला हुआ है और मिराज खालिद नूर मानते हैं कि अब कोई उन्हें प्रचार या सभाओं में नहीं बुलाया जा रहा है.

पटना में रहने वाले नूर कभी राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और लोक जनशक्ति पार्टी अध्यक्ष रामविलास पासवान के चहेते थे.

कारोबारी से नेता बन गए नूर ने कहा, 'मैंने 2004 के चुनाव में पासवान के लिए और 2005 के विधानसभा चुनाव में लालू के लिए प्रचार किया था. आज मेरे पास कोई राजनीतिक काम नहीं है.'

अब उनकी लालू और पासवान से एक ही शिकायत है कि उन्होंने मुस्लिम मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए उनका इस्तेमाल किया. नूर ने कहा, 'अब मुझे कोई नहीं पूछता, मेरा इस्तेमाल किया गया और किनारे कर दिया गया.'

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बिहार के चुनाव में तथाकथित मुस्लिम फैक्टर की बड़ी भूमिका रहने का अनुमान है. बिहार की 8 करोड़ 30 लाख आबादी में मुस्लिमों का अनुपात 16 प्रतिशत है. किशनगंज, कटिहार, मधुबनी, सीतामढ़ी, भागलपुर, दरभंगा और सिवान में मुस्लिमों की अच्छी संख्या है.

नूर लंबे हैं, अच्छी कद-काठी के और लंबी काली दाढ़ी रखते हैं. उन्हें देखकर पाकिस्तान में मारे जा चुके अलकायदा प्रमुख ओसामा होने का अहसास होता है. वह हमेशा सफेद लिबास और ओसामा से मिलती-जुलती टोपी पहने रहते हैं.

उन्हें इस बात का भी मलाल है कि अब उनका असली नाम गुम हो गया है. हर कोई उन्हें 'बिन लादेन' कहकर संबोधित करता है.

नूर के एक दोस्त सलाम इराकी ने बताया कि वह 2004 में चुनाव के चक्कर में पड़े. उन्होंने लोजपा से विधानसभा चुनाव में टिकट मांगा लेकिन उनकी दरख्वास्त नहीं मानी गई. लेकिन पासवान ने अपनी पार्टी के लिए प्रचार करने को कहा. चुनावी रैलियों में पासवान उसका परिचय कराते थे 'ओसामा बिन लादेन.'

इसके बाद नूर सितंबर 2005 में राजद की तरफ मुखातिब हुए और लालू प्रसाद के लिए प्रचार किया. तब नूर की इतनी मांग थी कि बड़े नेता को उतार कर हेलीकॉप्टर में उन्हें बिठा लिया जाता था.

पटना विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक नूर ने दिल्ली से ग्रामीण प्रबंधन की शिक्षा ली है.

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सूरत भले ही ओसामा वाली हो, पर नूर कट्टरपंथी नहीं हैं.

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