बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बिहार चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि बीजेपी हारी तो पाकिस्तान में पटाखे फूटेंगे. पटाखों की खबरें तो नहीं आई, लेकिन पाकिस्तानी अखबार ने बीजेपी की हार पर निशाना जरूर साधा. पाकिस्तानी अखबार 'न्यूज इंटरनेशनल' ने अपने संपादकीय में लिखा कि 'बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम भाजपा के लिए समय रहते यह चेतावनी है कि नफरत की राजनीति को हवा देना सही रणनीति नहीं है. यह रणनीति ज्यादा देर काम नहीं करेगी.'
रिश्ते भी हुए प्रभावित
संपादकीय में आगे लिखा है कि 'भारत-पाकिस्तान संबंध हाल ही में कश्मीर में हिंसा, सीमा पार से हुई गोलीबारी, गोमांस और मुसलमानों से जुड़े मुद्दों और पाकिस्तानी गायकों के प्रति विरोध के कारण प्रभावित हुए हैं.'
पीएम की निजी हार
अखबार ने लिखा है कि 'बिहार में मोदी की अगुआई में चुनाव अभियान चलाया गया. ऐसे में इस हार को प्रधानमंत्री की निजी हार माना जाएगा. लेकिन इसमें थोड़ी हैरानी की बात है कि जब बिहार में चुनाव हुआ तो उसका पड़ोसी पाकिस्तान इसे लेकर काफी उत्साहित था.'
गाय की राजनीति के खिलाफ फैसलाः डॉन
पाकिस्तान के बड़े अखबार ‘डॉन’ ने लिखा है कि खानपान की आदतों पर भारत की पारंपरिक सहनशीलता की कीमत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गाय पर राजनीति के खिलाफ बिहार चुनाव के नतीजे आए हैं. इसने उनके संकीर्ण राष्ट्रवाद के खिलाफ विपक्षी एकता के एजेंडा को तय कर दिया है.
जियो न्यूज ने की नीतीश की तारीफ
पाकिस्तानी न्यूज चैनल जियो न्यूज ने भी नीतीश की तारीफ की. चैनल ने चुनाव के नतीजों के बाद नीतीश की तस्वीरें दिखाईं और कहा कि नीतीश का जीतना अच्छा है.
ब्रिटिश मीडिया कहा मोदी की अपील कम हुई
ब्रिटिश अखबार ‘द गार्जियन’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बिहार चुनाव जीतने में बीजेपी की नाकामी को इस संकेत के तौर पर देखा जा रहा है कि वोटरों पर मोदी की अपील अब कम होनी शुरू हो गई है. अखबार ने लिखा, ‘भारत की सत्ताधारी पार्टी ने एक प्रांतीय चुनाव में हार मान ली है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र की वोट हासिल करने की क्षमता और उनकी राजनीतिक रणनीति की परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा था.’ अखबार ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब मोदी इस हफ्ते ब्रिटेन की यात्रा पर जाने वाले हैं.
मोदी के लिए सबसे अहम घरेलू झटका
गार्जियन ने लिखा, ‘बिहार में बीजेपी की जीत मोदी के लिए सबसे अहम घरेलू झटका है, क्योंकि पिछले साल उभरती आर्थिक ताकत में हुए एक आम चुनाव में उन्हें शानदार जीत मिली थी. अपने चुनाव प्रचार में तेज विकास, आधुनिकीकरण एवं अवसर प्रदान करने के साथ-साथ रूढीवादी सांस्कृतिक एवं सामाजिक मूल्यों के संरक्षण का वादा कर उन्होंने जीत हासिल की थी.’ अखबार ने कहा, ‘पिछले साल के चुनाव के दौरान मोदी ने अर्थव्यस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के जो भी वादे किए थे वे अब तक पूरे नहीं हुए हैं.’
बीबीसी ने लिखा- यह हार बड़ा झटका
बीबीसी ने लिखा, ‘मोदी को पिछले साल के राष्ट्रीय चुनावों में एक शानदार जीत मिली थी, लेकिन यह चुनाव उनके आर्थिक कार्यक्रमों पर एक रायशुमारी के तौर पर देखा जा रहा था. यह हार एक बड़ा झटका है.’
अमेरिकी मीडिया में भी सुर्खियां
‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को आज उस वक्त करारा झटका लगा जब जनसंख्या के मामले में भारत के तीसरे सबसे बड़े राज्य बिहार के वोटरों ने विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी को खारिज कर दिया. ‘द न्यूज’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बिहार में बीजेपी की हार प्रधानमंत्री के लिए बड़ा झटका है, जिन्होंने अपने प्रचार में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी.