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चुनाव के नतीजे आए भी नहीं, पर BJP में महाराष्ट्र CM के लिए रेस तेज

अभी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे भी नहीं आए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी में घमासान छिड़ गई है. वैसे आधिकारिक तौर पर पार्टी में इसे लेकर कोई चर्चा तो नहीं हो रही, लेकिन मीडिया के जरिए हर खेमा अपने नेता का नाम आगे करने में जुट गया है.

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देवेंद्र फड़नवीस और नितिन गडकरी
देवेंद्र फड़नवीस और नितिन गडकरी

अभी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे भी नहीं आए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी में घमासान छिड़ गई है. वैसे आधिकारिक तौर पर पार्टी में इसे लेकर कोई चर्चा तो नहीं हो रही, लेकिन मीडिया के जरिए हर खेमा अपने नेता का नाम आगे करने में जुट गया है. महाराष्‍ट्र में त्रिशंकु सदन के संकेत

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जैसे ही एग्जिट पोल ने बताया कि महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार बनना तय है. पार्टी के नेता मुख्यमंत्री पद को लेकर मंथन में जुट गए. कैमरे पर तो 19 अक्टूबर तक का इंतजार करने की बात कहते रहे, पर कयासों का बाजार गर्म हो गया. सबसे पहले देवेंद्र फड़नवीस, नितिन गडकरी, विनोद तावड़े और पंकजा मुंडे का नाम इस रेस में आगे आया. अब केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के नाम को लेकर भी चर्चा हो रही है.

इस रेस में महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष देवेंद्र फड़नवीस का नाम सबसे आगे चल रहा है. वे मराठी ब्राह्मण हैं, बीजेपी को इस समुदाय से जबर्दस्त समर्थन मिलता रहा है. ऐसे में पार्टी उन पर दांव खेलना चाहेगी. इसके अलावा फड़नवीस एक जननेता हैं, यह भी उनके पक्ष में जाता है. दिक्कत यह है कि उनके पास मंत्री पद का अनुभव नहीं है. जो उनकी दावेदारी को कमजोर करता है.

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अनुभव के मामले में नितिन गडकरी बीजेपी के लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प हैं. मराठी ब्राह्मण होने के साथ वह महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का समर्थन भी प्राप्त है. हालांकि, गडकरी पहले ही कई बार साफ कर चुके हैं कि अब वह महाराष्ट्र वापस नहीं लौट रहे. वहीं, मोदी सरकार के लिए भी अहम सवाल होगा कि गडकरी महाराष्ट्र चले जाते हैं तो केंद्र में परिवहन जैसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी कौन संभालेगा.

इस रेस में नया नाम प्रकाश जावड़ेकर का है. जावड़ेकर के पास सरकारी कामकाज और मंत्रालय संभालने का अनुभव तो है, पर वह जननेता नहीं है. वैसे प्रधानमंत्री मोदी उनपर काफी भरोसा करते हैं, तभी उन्हें सूचना-प्रसारण के अलावा पर्यावरण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई. अगर पार्टी उन्हें महाराष्ट्र की जिम्मेदारी देती है, तो महाराष्ट्र की सरकार को केंद्र से निर्देश देने में आसानी होगी. लेकिन इस सबके बीच उसपर कांग्रेस जैसे हाईकमान कल्चर को बढ़ावा देने का आरोप लगेगा.

वैसे महाराष्ट्र के स्थानीय नेता पंकजा मुंडे और विनोद तावड़े भी सीएम रेस में शामिल हैं. पर बीजेपी फिलहाल इन युवाओं नेताओं पर दांव लगाती नहीं दिख रही.

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