बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने आज कांग्रेस और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश उस पार्टी पर भरोसा नहीं करता, जो चुनाव में जनता से किए गए वायदे पूरे नहीं कर सकी.
मोदी ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्रियों शरद पवार और सुशील कुमार शिंदे पर भी निशाना साधा. शिंदे शोलापुर से मैदान में हैं. उन्होंने कहा कि मुझे एक कारण बताएं, जिस वजह से दिल्ली में संप्रग सरकार को फिर से चुना जाना चाहिए? क्या सरकार ने आपका भरोसा नहीं तोड़ा. बुनकरों के लिए प्रसिद्ध इस शहर में मोदी ने कहा कि सुशील कुमार शिंदे और शरद पवार ने आपसे वायदे किए थे. क्या उन्होंने बुनकरों के वायदों को नहीं तोड़ा.
बीजेपी नेता ने कहा कि आपने झूठे वायदे करके वोट हासिल किए. क्या झूठे वायदे करके चुनाव जीतने की कांग्रेस की आदत बन गई है. उन्होंने कहा कि देश की जनता फैसला कर चुकी है. कांग्रेस-राकांपा का अहंकार ऐसा है कि वे सोचते हैं कि जनता उनकी गुलाम है. मोदी ने कहा कि शिंदेजी, आप गृहमंत्री हैं. आप यह क्यों नहीं सोचते कि स्थानीय बुनकरों द्वारा बनाई गई वर्दियां पुलिस को दी जाएं ताकि स्थानीय लोगों को आजीविका मिले.
शिंदे एक परिवार के अनुयायी
उन्होंने कहा कि लेकिन शिंदे दिन रात केवल यह सोचते हैं कि मैडम को कैसे खुश रखा जाए. ये लोग एक परिवार के अनुयायी हैं. मोदी ने कहा कि यह किस तरह की परिवार पूजा है कि मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री और पार्टी पदाधिकारी सभी एक परिवार की भक्ति में लगे हैं. उन्होंने कहा कि वे प्रसाद देते हैं और आरती करते हैं. उन्हें आपकी फिक्र नहीं है. अगर परिवार खुश है तो शिंदे की पीढ़ियों की खुशी सुनिश्चित हो जाती है.
तस्वीरें खिंचाने वाले क्या जानें गरीबी
बचपन में चाय बेचने के अपने दिनों को याद करते हुए मोदी ने कहा कि सोने की चम्मच लेकर पैदा होने वाले राहुल गांधी को क्या पता कि गरीबी क्या होती है. उन्होंने कहा कि वे गरीब लोगों के घरों में जाते हैं, उनका खाना खाते हैं, तस्वीरें खिंचाते हैं और दुनिया को दिखाते हैं. वे नहीं जानते कि गरीबी क्या होती है. वे सोने की चम्मच लेकर पैदा हुए हैं. उन्हें गरीबी के बारे में क्या पता होगा. मोदी ने कहा कि उन्होंने गरीबी नहीं देखी है. मैं गरीबी में पैदा हुआ हूं. मैं ट्रेनों में चाय बेचता था.
नेताओं की बदजुबानी को भुलाएं न
उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के एक विवादास्पद बयान का जिक्र करते हुए कहा कि किसानों को पानी मिलना चाहिए. अजीत पवार पानी मांगने वाले किसानों के लिए किस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हैं. मैं किसानों को याद दिलाना चाहता हूं कि जब मतदान के लिए आएं तो इन नेताओं की भाषा को ध्यान में रखें. पवार ने पिछले साल किसानों की पानी की मांग पर कहा था कि अगर बांध में पानी नहीं है तो हम कहां से ला सकते हैं? क्या मैं इसमें पेशाब कर दूं. अगर पीने के लिए पानी नहीं होगा तो पेशाब भी नहीं किया जा सकता.