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बंगाल में मौलानाओं और मौलवियों की बन आई

लोकसभा चुनाव में इमाम और मौलानाओं की खूब मांग रही क्योंकि वहां के कई निर्वाचन क्षेत्रों में अल्पसंख्यकों की बड़ी आबादी है. मुख्य मंत्री ममता बनर्जी ने खुद भी टीपू सुल्तान मस्जिद के इमाम को वोट के लिए फोन किया. यह खबर अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन' एक्सप्रेस ने दी.

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

लोकसभा चुनाव में इमाम और मौलानाओं की खूब मांग रही क्योंकि वहां के कई निर्वाचन क्षेत्रों में अल्पसंख्यकों की बड़ी आबादी है. मुख्य मंत्री ममता बनर्जी ने खुद भी टीपू सुल्तान मस्जिद के इमाम को वोट के लिए फोन किया. यह खबर अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन' एक्सप्रेस ने दी.

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अखबार ने लिखा है कि ममता बनर्जी ने टीपू सुल्तान मस्जिद के इमाम मौलाना नुरार रहमान बरकती को 7 फोन करके उनसे अल्पसंख्यक वोट दिलवाने का आग्रह किया. उन्होंने उनसे कहा कि वे इस बात का ध्यान रखें कि वोट टीएमसी के अलावा किसी और पार्टी को न जाएं.

मौलाना ने अखबार को बताया कि मुझे कई अन्य नेताओं ने भी फोन किया और कहा कि अल्पसंख्यकों के वोट टीएमसी के अलावा किसी और पार्टी को न जाएं. फोन करने वालों में ममता बनर्जी, उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी और सांसद सुदीप बंधोपाध्याय थे. अभिषेक डायमंड हार्बर से लड़ रहे हैं और वहां मुसलमानों की आबादी बहुत ज्यादा है. सुदीप बंदोपाध्याय उत्तरी कोलकाता से लड़ रहे हैं और वहां भी वहीं हालत है. मौलाना ने अखबार को बताया कि उन्होंने जिलों में जा-जा कर मुसलमानों के साथ कई बैठकें की और उन्हें 'धर्म निरपेक्ष' टीएमसी को वोट देने का आग्रह किया.

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इमाम ने यह भी बताया कि मैं सभी निर्वाचन क्षेत्रों में नहीं जा सकता था इसलिए मैंने 55 लोगों की टीम बनाई और मुसलमानों के साथ बैठकें की. मेरे लोग मुर्शिदाबाद में टीएमसी के उम्मीदवार इदरिस अली, जांगीपुर में टीएमसी उम्मीदवार नुरुल इस्लाम और अभिषेक बनर्जी को मदद कर रहे हैं. उन्होंने इसके लिए हिन्दी अखबारों में विज्ञापन भी छपावाया है जिसमें मुसलमानों से ममता बनर्जी को वोट देने की अपील की गई है.

सोमवार को जिन छह निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव हुए उनमें से पांच में मुसलमानों की आबादी बहुत है. मुर्शिदाबाद में तो 65 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है. इसलिए मौलाना का इन इलाकों में बड़ा दबदबा है.

रेड रोड में ईद की नमाज अता करवाने वाले मौलाना काजी फजलुर रहमान ने भी कहा कि उन्हें राजनीतिज्ञों के फोन आ रहे हैं. इनमें से टीएमसी, कांग्रेस और सीपीएम हैं.

पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी बैरकपुर से खड़े हैं और उन्होंने भी अल्पसंख्यक कार्ड खेला. उन्होंने फुरफुरा शरीफ के पीरजादा ताहा सिद्दीकी को फोन करके उनसे मदद मांगी. सिद्दकी ने अखबार को बताया कि लेफ्ट पार्टियों के चेयरमैन विमान बोस, सीपीएम के सुजान चक्रवर्ती, टीएमसी के शुभेन्दु अधिकारी और मुकुल रॉय, फरहद हकीम, पीसीसी अध्यक्ष अधीर चौधरी और कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य सभी ने मुझसे मुलाकात की.

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