क्या पश्चिम बंगाल में बदला जाएगा इतिहास. 35 साल से सत्ता पर काबिज वाममोर्चे को बंगाल की जनता कर देगी सत्ता से बेदखल. आजतक, हेडलाइन्स, ओआरजी सर्वे ने पश्चिम बंगाल में सभी चरणों के मतदान के बाद तैयार की है बंगाल की पोस्टपोल तस्वीर इस तस्वीर में ममता अपने विरोधियों से काफी आगे दिख रही हैं जबकि वाममोर्चा का किला टूटता दिख रहा है.
आजतक-हेडलाइन्स-ओआरजी सर्वे के मुताबिक पोस्ट पोल में वाममोर्चा को 65 से 70 सीट मिल सकती हैं. इन्हें 39 फीसदी वोट मिल सकता है. पोस्टपोल के मुताबिक वाममोर्चे को 160 सीटों का घाटा है जबकि उसका वोट प्रतिशत 9 फीसदी घटा है.
2006 विधानसभा के मुताबिक वाममोर्चा को 294 में से 227 सीट मिलीं थीं जबकि उसका वोट प्रतिशत 48 फीसदी था. इस तरह से अगर मुकम्मल तस्वीर देखें तो 2011 में पोस्टपोल के मुताबिक वाममोर्चा 65 से 70 सीट पा सकता है उसे 39 फीसदी वोट मिलेंगे उसे 9 फीसदी वोटों के साथ 160 सीटों का नुकसान होगा जबकि 2006 में उसने 48 फीसदी वोट के साथ 227 सीट जीतीं थीं.
इस तरह से आजतक-हेडलाइन्स-ओआरजी पोस्ट सर्वे के मुताबिक लेफ्ट का लाल गढ़ ढहता दिख रहा है और ममता बनर्जी, कांग्रेस और अन्य की सरकार बनती दिख रही है. आंकड़ों की जुबानी अगर इस बात को समझें तो ममता बनर्जी गठबंधन को 210 से 220 सीट मिल सकती हैं. गठबंधन को 48 फीसदी मत मिल सकते हैं. ममता गठबंधन को 186 सीटों का फायदा होता दिख रहा है जबकि गठबंधन का वोट प्रतिशत 19 फीसदी बढ़ा है.
2006 विधानसभा में ममता को बीजेपी के साथ 29 फीसदी वोट और 30 सीट मिलीं थीं जबकि कांग्रेस को 17 फीसदी वोट के साथ 21 सीट मिलीं थीं. पर 2011 में दोनो साथ में हैं लिहाजा पोस्ट पोल से जो मुकम्मल तस्वीर बनती है वो ये है कि गठबंधन को 210 से 220 सीट मिलेंगी इन्हें 48 फीसदी वोट मिल सकता है. इन्हें 2006 की अपेक्षा 186 सीट का फायदा हो सकता और उनका वोट प्रतिशत करीब 19 फीसदी बढ़ सकता है.
इस तरह से साफ है कि ममता बनर्जी अपने गठबंधन के साथ बड़ी जीत पाती दिख रही हैं. यानी बंगाल में एक बड़े ऐतिहासिक बदलाव के संकेत दो तिहाई से ज्यादा के बहुमत से साफ हैं. सर्वे में बाकी सीटों के बारे में संकेत हैं कि अन्य 6 फीसदी वोट के साथ 16 सीट पर काबिज हो सकते हैं जो पिछली बार से 26 सीट कम होगा और वोट प्रतिशत में 10 फीसदी कम हो सकता है. इस तरह से ममता सत्ता पर काबिज दिखती हैं और लेफ्ट सत्ता से बाहर.