बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सोमवार को बरबीघा की एक चुनावी सभा में चप्पल दिखाई गई. उन पर बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और जातिवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया.
इतना ही नहीं, सभा में सीएम का भाषण सुनने आए युवाओं ने नीतीश मुर्दाबाद के नारे लगाए और जमकर हंगामा मचाया. उन्होंने नीतीश सरकार पर युवाओं को ठगने का आरोप लगाया.
हालांकि बरबीघा में हर बार की तुलना में इस बार नीतीश की सभा में भीड़ भी कम दिखी. हंगामा मचा रहे युवकों और बुजुर्गों ने बताया कि नीतीश सिर्फ वोट के लिए जनता को बरगला रहे हैं. सभा में आये एक 80 वर्ष के बुजुर्ग ने कहा कि घर में खाने को एक भी दाना नहीं है और बड़े आए हैं गरीबों के मसीहा बनने वाले. उसने कहा कि नीतीश सरकार ने सिर्फ ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया और उन्हें मालामाल किया.
हालांकि नजाकत को समझते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभा में कोई राजनीतिक बात ना कह सिर्फ इतना कहा कि मैं कोई राजनीतिक बात और कोई शिकायत करने नहीं आया हूं. आपको यह तय करना है कि बिहार का विकास होना चाहिए या नहीं? मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि जब तक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा तब तक यहां की तकदीर सुधरने वाली नहीं है.
नीतीश की नालंदा रैली में लाठीचार्ज
नालंदा में नीतीश की एक अन्य रैली में पुलिस को जनता पर लाठीचार्ज करना पड़ा. रैली में पहुंचे लोगों ने 'रोड नहीं तो वोट नहीं' के नारे लगाए. स्थानीय लोग अपने यहां सड़कें बनाने की मांग कर रहे थे. पुलिस ने गुस्साई भीड़ को शांत करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया.