विभिन्न मुद्दों को लेकर उन्होंने भले ही एक दूसरे के खिलाफ तलवारें खींची हों लेकिन वरिष्ठ बीजेपी नेता अरुण जेटली ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ की और कहा कि प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत निष्ठा हमेशा संदेह से परे रही है.
जेटली ने मनमोहन सिंह को सयाना आदमी बताते हुए कहा कि विद्वता के साथ वह हमेशा अपने समक्ष आने वाले विषयों पर पूरी जानकारी रखते थे और पूरी तैयारी के साथ बात करते थे. मनमोहन सिंह राज्यसभा में सदन के नेता हैं और जेटली उच्च सदन में विपक्ष के नेता हैं. जेटली ने कहा कि संप्रग सरकार को दस साल तक नेतृत्व मुहैया कराने के बाद जब कि परदा गिरने जा रहा है, प्रधानमंत्री गरिमा और शिष्टता के साथ विदा हो रहे हैं.
उन्होंने अपने ब्लॉग पर लिखा कि वह एक वरिष्ठ राजनेता बने रहेंगे और एक विश्वसनीय व्यक्ति के रूप में राष्ट्र का मार्गदर्शन करते रहेंगे. यदि वह सही समय पर खड़े हुए होते और असहमतियां जताई होती तो वो और भी सम्मान पाते. उन्होंने कहा कि सिंह कुछ ऐसी विशेष परिस्थितियों के कारण प्रधानमंत्री बने थे, जिनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस पद के लिए अपना नाम वापस लेने लिए मजबूर कर दिया था.
उन्होंने कहा कि वह अक्षरश: सोनिया जी द्वारा घोषित प्रधानमंत्री थे. उन्हें कुछ सीमाओं के भीतर ही काम करना पड़ा. जेटली ने लिखा कि जब भी उन्होंने राष्ट्र को संबोधित किया, वह कभी भी एक नेता के रूप में सामने नहीं आए. एक नेता के रूप में सामने नहीं आने का कारण साफ था. वह कभी भी टकराव नहीं चाहते थे. उन्हें पता था कि उन्हें सीमित शक्तियां दी गई हैं और सभी महत्वपूर्ण फैसलों पर उन्हें पार्टी तथा उसके प्रथम परिवार को खुश रखना है.
जेटली ने कहा कि सिंह में दो महत्वपूर्ण गुण हैं. पहला, जब भी आप प्रधानमंत्री से किसी गंभीर विषय पर चर्चा करते हैं, वह एक ज्ञानी व्यक्ति के रूप में सामने आते हैं. उन्होंने कहा कि वह ऐसे विद्वान के रूप में प्रतीत होते हैं जिन्हें हम सयाना आदमी कहके बुलाते हैं. जेटली ने कहा कि सिंह के शब्द नपे तुले होते हैं और वह कोई टिप्पणी करने से पूर्व विचार करते हैं.
दूसरा, उनकी निजी निष्ठा हर संदेह से परे थी. विद्वता के साथ वह हमेशा किसी भी विषय पर पूरी तरह तैयार रहते थे. बीजेपी नेता ने कहा कि उन्हें पिछले दस सालों में प्रधानमंत्री को काफी करीब से जानने समझने का अवसर मिला है. उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने संसद में सिंह के हर वाक्य को सुना और उनके प्रदर्शन की समीक्षा की.
बीजेपी नेता ने लिखा कि इसमें कुछ शक नहीं कि मनमोहन सिंह एक बहुत अच्छे वित्त मंत्री थे. उन्हें वर्ष 1991 में आर्थिक सुधारों की पहल करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिंहा राव से बहुत समर्थन मिला. उन्होंने कहा कि राव को कभी वह श्रेय नहीं दिया गया, जिसके वह वास्तव में हकदार थे.