बीजेपी नेता मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल ली. सुबह करीब 11 बजकर 20 मिनट पर राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने उन्हें पंचकूला के हुडा मैदान में शपथ दिलाई. इसी के साथ हरियाणा को अरसे बाद एक गैर-जाट मुख्यमंत्री मिल गया है. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लाल कृष्ण आडवाणी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, राजनाथ सिंह और सुषमा स्वराज समेत बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे.
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खट्टर के साथ उनके 6 कैबिनेट मंत्रियों और 3 राज्य मंत्रियों (स्वतंत्र प्रभार) ने भी शपथ ली. जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए खट्टर की टीम चुनी गई है. सभी समुदायों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है. हरियाणा हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष रामविलास शर्मा, कैप्टन अभिमन्यु, ओमप्रकाश धनखड़ और अनिल विज को मंत्री बनाया गया है. कविता जैन के रूप में कैबिनेट में महिला चेहरा भी शामिल किया गया है.
ये होंगे खट्टर के मंत्री
रामविलास शर्मा: हरियाणा प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष. सीएम पद की रेस में थे.
कैप्टन अभिमन्यु: नारनौंद हिसार से पहली बार के विधायक. पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट. चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार माने जा रहे थे.
ओमप्रकाश धनखड़: हरियाणा में BJP के बड़े जाट नेता. झज्जर के बादली से विधायक, RSS से जुड़े रहे हैं. BJP किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे.
अनिल विज: अंबाला कैंट से पांचवी बार के विधायक, हुड्डा के कट्टर विरोधी. विधानसभा में विधायक दल के नेता. मंत्रिमंडल में अहम पंजाबी चेहरा.
राव नरबीर सिंह: बीजेपी के बड़े यादव नेता हैं. गुड़गांव के बुलंदशहर से विधायक चुने गए. हरियाणा में पहले भी मंत्री रह चुके हैं. सबसे कम उम्र में मंत्री बनने का रिकॉर्ड उनके नाम.
कविता जैन: 42 साल की कविता सोनीपत से दूसरी बार विधायक चुनी गईं. हुड्डा के गढ़ में अच्छी पैठ रखती हैं. अग्रवाल समुदाय की प्रभावशाली नेता
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
विक्रम सिंह ठेकेदार
कर्ण देव कंबोज
कृष्ण कुमार बेदी
पंचकूला में होने वाले शपथग्रहण समारोह में कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे. इससे पहले शपथ ग्रहण समारोह सेक्टर-3 के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में होने वाला था. लेकिन बाद में इसे पंचकूला के सेक्टर-5 स्थित हुडा मैदान में स्थानांतरित कर दिया गया.
अंधविश्वास के चलते बदला गया स्थान!
चर्चा है कि बीजेपी ने समारोह का स्थान इसलिए बदला क्योंकि वह नहीं चाहती कि खट्टर ऐसी जगह पर शपथ लें जिसका नाम आईएनएलडी के संस्थापक ताऊ देवीलाल के नाम पर रखा गया है. साथ ही, देवीलाल हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री बने, पर एक बार भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. ऐसे में बीजेपी प्रदेश में अपनी पहली सरकार ऐसी जगह से नहीं शुरू करना चाहती थी. दूसरी वजह नंबर 5 है. माना जा रहा है कि मेला ग्राउंड सेक्टर-5 में है और 5 नंबर खट्टर के लिए लकी नंबर माना जाता है.