आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद और पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी की बेटी मीसा भारती पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से अपने दो चाचाओं- रंजन यादव और रामकृपाल यादव को चुनौती दे रही हैं. मीसा पाटलिपुत्र सीट से जीतने के लिए जी-जान से मेहनत कर रही हैं. लालू प्रसाद भी बेटी की जीत तय करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
मीसा भारती प्रचार के लिए निकलीं, जहां उनका पहला पडा़व है मसौढी, जहां के गांव में जाकर उन्होंने मतदाताओं से वोट मांगा. जगह-जगह लोगों ने रोककर उनका स्वागत किया. मीसा भारती एक गांव पहुंचीं, तो वहां लोगों ने शिकायतों की बौछार लगा दी. कहीं स्वास्थ्य केन्द्र को लेकर शिकायत, तो कहीं बीपीएल कार्ड को लेकर. मीसा ने सबकी शिकायतें सुनी.
मीसा भारती मसौढी़ विधानसभा क्षेत्र के गांव जाती हैं, जहां उन्होंने वादा किया कि अगर वो चुनाव जीतीं, तो सारी समस्याएं दूर कर देंगी. हांलाकि उन्होंने कहा कि आचार संहिता लागू होने के कारण वे बहुत ज्यादा वायदे नहीं कर सकती हैं.
पाटलिपुत्र परिसीमन के बाद नया लोकसभा क्षेत्र है. 2009 में यहां से आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद खुद उम्मीदवार थे. जेडीयू के उम्मीदवार और अपने पुराने सहयोगी रंजन प्रसाद यादव से वे चुनाव हार गए थे. लेकिन इस बार लालू मीसा भारती को जिताने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड रहे हैं. यहां तक कि इस इलाके के कुख्यात बेउर जेल में बंद अपराधी रितलाल यादव से भी हाथ मिला लिया. रितलाल यादव खुद यहां से चुनाव लड़ना चाहता था, लेकिन लालू के कहने पर उसने मीसा की मदद करने का वायदा किया.
लालू प्रसाद ने रितलाल के पिता का पैर भी छुआ. यानी बेटी की जीत के लिए वो कुछ भी करने को तैयार हैं. उनकी अधिकतर जनसभाएं पाटलिपुत्र में ही हुई हैं. मीसा भारती भी इस बात को मानती है कि वो बेटी हैं, तो निश्चित रूप से उन्हें पिता का ज्यादा प्यार मिलता है.
मीसा का मुकाबला बीजेपी के रामकृपाल यादव से है, जो हाल तक आरजेडी में थे और मीसा उन्हें चाचा कहती हैं. इस सीट से मीसा को टिकट मिलने से नाराज रामकृपाल यादव ने बीजेपी का दामन थाम लिया. रंजन यादव भी मीसा के चाचा रहे हैं, हालांकि वो पिछले कई साल पहले आरजेडी छोड़कर जेडीयू में शामिल हो गए. उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद को 23 हजार मतों से हराया था.
मीसा का कहना है कि वो अपने चाचाओं को चित करने का गुर जानती हैं, क्योंकि दोनों ही उनके पिता लालू प्रसाद के चेले हैं.
मीसा भारती का पाटलिपुत्र क्षेत्र में ही ससुराल है, इसलिए उन पर मतदाताओं का ध्यान भी है. एमबीबीएस मीसा इस क्षेत्र की समस्याओं से काफी वाकिफ भी हैं. अब 17 अप्रैल को जनता का क्या रुख होता है, ये देखना दिलचस्प होगा.