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दादरी कांड पर PM मोदी ने तोड़ी चुप्पी, कहा- हिंदू-मुस्लिम विकास के लिए काम करें

तमाम दलों के नेताओं द्वारा घृणा फैलाने वाले बयानों के बीच संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को सांप्रदायिक सौहार्द की वकालत की और हिन्दुओं तथा मुसलमानों से गरीबी के खिलाफ मिलकर काम करने और नेताओं के ‘गैरजिम्मेदाराना’ बयानों को नजरअंदाज करने के लिए कहा. पीएम मोदी ने बिहार के नवादा की रैली में कहा कि अगर वह भी ऐसा कोई बयान दें तो वे उसे भी नजरअंदाज करें.

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पीएम मोदी ने बिहार में गुरुवार को चार रैलियों को किया संबोधित
पीएम मोदी ने बिहार में गुरुवार को चार रैलियों को किया संबोधित

तमाम दलों के नेताओं द्वारा घृणा फैलाने वाले बयानों के बीच संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को सांप्रदायिक सौहार्द की वकालत की और हिन्दुओं तथा मुसलमानों से गरीबी के खिलाफ मिलकर काम करने और नेताओं के ‘गैरजिम्मेदाराना’ बयानों को नजरअंदाज करने के लिए कहा. पीएम मोदी ने बिहार के नवादा की रैली में कहा कि अगर वह भी ऐसा कोई बयान दें तो वे उसे भी नजरअंदाज करें.

दादरी में इखलाक नाम व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या की घटना पर जारी सांप्रदायिक द्वंद के बीच अपनी चुप्पी तोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उद्धृत करते हुए कहा कि देशवासियों को विविधता, सहिष्णुता और बहुलता के मूल्यों के संरक्षण को लेकर कल दिए गए उनके संदेश का पालन करना चाहिए.

पीएम ने कहा, ‘मैंने ऐसा पहले भी कहा है. हिन्दुओं को फैसला करना चाहिए कि मुस्लिमों से लड़ें या गरीबी से . मुसलमानों को फैसला करना चाहिए कि हिन्दुओं से लड़ें या गरीबी से..देश को तब लाभ होगा जब हिन्दू और मुस्लिम एकसाथ मिलकर गरीबी से लड़ेंगे और उसे हराएंगे.. इस देश को एकजुट रहना होगा.’ उन्होंने स्पष्ट किया कि वह नफरत फैलाने की राजनीति के खिलाफ हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘एकता, सांप्रदायिक सौहार्द, भाईचारा और शांति ही देश को आगे ले जाएंगे.’ प्रधानमंत्री ने लोगों से नेताओं के ‘गैरजिम्मेदाराना’ बयानों को नजरअंदाज करने की अपील करते हुए कहा कि वे ऐसा राजनीतिक हितों के लिए कर रहे हैं और इसका अंत होना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘मैं देशवासियों से कहना चाहता हूं, कुछ छुटभैये नेता अपने राजनीतिक हितों के लिए गैरजिम्मेदाराना बयान देने पर तुले हैं..इस तरह के बयानों का अंत होना चाहिए.. मैं लोगों से अनुरोध करना चाहता हूं कि अगर मोदी भी इस तरह का बयान दे तो भी इस तरह के बयानों पर ध्यान ना दें.’

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी मुखर्जी के बुधवार को दिए गए बयानों के संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से कहा, ‘अगर आपको ध्यान देना है, तो राष्ट्रपति द्वारा दिये गये संदेश और दिखाए गए मार्ग पर देना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘कल राष्ट्रपति ने रास्ता दिखाया था. 125 करोड़ लोगों के देश के प्रमुख ने जो भी कहा उससे बड़ा कोई संदेश नहीं हो सकता, उससे बड़ी कोई दिशा नहीं हो सकती, उससे बड़ी कोई प्रेरणा नहीं हो सकती.’

PM मोदी ने कहा कि देश के लोगों को राष्ट्रपति के दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए और ‘तभी भारत दुनिया की अपेक्षाओं को पूरा कर सकता है.’ राष्ट्रपति ने बुधवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था, ‘मेरा यह दृढ़ विश्वास है कि हम अपने समाज के बुनियादी मूल्यों को यूं ही व्यर्थ जाने की मंजूरी नहीं दे सकते और ये बुनियादी मूल्य वही हैं जिन्हें वर्षों से हमारे समाज ने विविधता के रूप में बुलंद रखा और सहिष्णुता, धर्य और बहुलवाद को बढ़ाया और उसकी वकालत की.’

पटना के गांधी मैदान में बम विस्फोट के बाद पिछले साल दिये गये अपने भाषण को याद करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने खूनखराबे के बीच भाईचारे और सौहार्द का संदेश दिया था. उन्होंने कहा कि हम इस नजरिये और संस्कृति के साथ आगे बढ़ रहे हैं. उस घटना के बारे में बात करते हुए मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर विस्फोटों में जान गंवाने वाले लोगों की चिंता किये बगैर इस मुद्दे पर राजनीति करने और घमंड के कारण उनकी टिप्पणियों पर मजाक बनाने के लिए निशाना साधा.

महागठबंधन को ‘महास्वार्थ गठबंधन’ करार देते हुए मोदी ने कहा, यह ‘बिग बास’ के घर की तरह है जहां एक ‘बिग बास’ है जो खुद के किंगमेकर होने का दावा करता है और चाहता है कि सभी उसके इशारों पर नाचें.'

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