जमात-ए-उलेमा-ए-हिंद ने नरेंद्र मोदी की रैली में बीस हजार मुसलमानों के साथ समर्थन देने का दावा किया है. शुक्रवार को तुर्कमान गेट इलाके में जमात ने रैली भी करनी चाही लेकिन इसकी इजाजत पुलिस ने नहीं दी. जमात का कहना है कि वो कांग्रेस के दुष्प्रचार को झुठलाना चाहते हैं कि मुसलमान बीजेपी के साथ नहीं हैं.
बीजेपी के स्टेट हेडक्वार्टर 14 पंतमार्ग में जमात-ए-उलेमा-ए-हिंद के उलेमाओं की बैठक राष्ट्रगान से शुरू हुई. पहले वंदे मातरम गाना तय हुआ था लेकिन उस पर सहमति नहीं बनी.
बैठक में यूं तो विजेंद्र गुप्ता और विजय गोयल को भी आना था लेकिन आए सिर्फ विजय जौली. बहरहाल, जमात-ए-उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सुहैब कासमी ने बैठक में दावा किया कि कांग्रेस ने पिछले 65 सालों से देश को छला है और इसका खामियाजा उसे आने वाले चुनावों में भुगतना होगा. मौलाना ने कहा कि वो तुर्कमान गेट पर रैली कर मुसलमानों में एकता का संदेश देना चाहते थे लेकिन कांग्रेस ने पुलिस पर इजाजत ना देने का दबाव डाला.
जमात-ए-उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सुहैब कासमी ने कहा तुर्कमान गेट पर हम रैली करना चाहते थे लेकिन वहां विधायक और सांसद दोनों कांग्रेस के हैं और उन्होंने हमें रैली नहीं करने दी. हम 20 से 25 हजार मुसलमान भाइयों के साथ पहुंचकर नरेंद्र मोदी जी को समर्थन देंगे.'
उलेमाओं के साथ बैठक में राज्य बीजेपी का भी कोई बड़ा पदाधिकारी नहीं था. पहले विजेंद्र गुप्ता का आना तय था लेकिन वो भी नहीं आए. बैठक में पहुंच विजय जौली ने कहा कि उनकी पार्टी मुसलमानों समेत पूरे समाज को साथ लेकर चलने का संदेश दे रही है.
बीजेपी नेता विजय जौली ने कहा, 'हम समाज के सभी लोगों को साथ लेकर चलने के हिमायती हैं और यही संदेश हम मोदी जी की रैली में भी देना चाहते हैं.'
मस्जिदों में पर्चे बांट रही है BJP
मोदी की रैली में मुसलमानों को जुटाने के लिये पार्टी राजधानी की करीब 100 मस्जिदों में पर्चे भी बांट रही है. मोदी को लेकर मुस्लिमों की शंकाओं का समाधान करने के लिये पार्टी ने खास पर्चे छपवाये हैं जिसमें 1947 से लेकर अब तक देश में हुए बड़े दंगों की फेहरिस्त जारी की गई है.
क्या लिखा है पर्चे में
दिल्ली बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष आतिफ रशीद ने भी दावा किया है कि रैली में 20,000 से ज्यादा मुसलमान जुटेंगे. रशीद ने कहा, 'मुस्लिम समुदाय ने गोधरा दंगों को लेकर सवाल किए लेकिन हमने उनका जवाब इस पर्चे में दिया है कि आजादी के बाद से देश में हजारों सांप्रदायिक दंगे हुए हैं. इसमें गुजरात की मौजूदा स्थिति और वहां के मुसलमानों की आर्थिक स्थिति के बारे में भी बताया गया है.' उन्होंने बताया कि मुस्लिम बहुल इलाकों से लोगों को रैली में लाने के लिये 340 बसें लगाई गई हैं.
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय मल्होत्रा ने बताया कि 40 से ज्यादा देशों के राजनयिकों ने रैली में शामिल होने की सहमति दे दी है.