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मोदी आम आदमी की नहीं सुनतेः राहुल गांधी

गुजरात में पहली बार रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कहा, ‘गांधी जी ने कहा था कि अपने सपनों को अनदेखा करो, दूसरों के लिए काम करो. लेकिन गुजरात में आम आदमी की बातों को नहीं सुना जाता. क्योंकि गुजरात के मुख्यमंत्री केवल अपनी ही बातें सुनते हैं.’

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राहुल गांधी
राहुल गांधी

कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी गुजरात चुनाव में पहली बार प्रचार करने जामनगर पहुंचे. गुजरात को देश का अहम राज्य बताते हुए राहुल ने कहा कि महात्मा गांधी उनके वैचारिक गुरु हैं. राहुल ने कहा, ‘मैं गांधी जी के विचार और नियमों के अनुसरण करता हूं.’ राहुल ने कहा, ‘प्रत्येक भारतीय को सभी देशवासियों की आवज सुननी चाहिए चाहे वो किसी भी धर्म, जाति, अमीर या गरीब हो. सभी धर्मों के लोगों की बातों को सुना जाना और सम्मान किया जाना चाहिए.’

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राहुल ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा, ‘यूपीए सरकार, प्रधानमंत्री, सोनिया और हमारी योजनाओं की ओर देखें. बैंकों का राष्ट्रीयकरण, हरित क्रांति, दूरसंचार क्रांति, मनरेगा, रोजगार का अधिकार जैसी योजनाएं हमने किसी जाति और धर्म विशेष के लिए नहीं बनायी. हम लगातार भ्रष्टाचार से लड़ रहे हैं. हमने आपको सूचना का अधिकार कानून दिया.’

राहुल ने कहा, ‘गांधी जी ने कहा था कि अपने सपनों को अनदेखा करो, दूसरों के लिए काम करो. लेकिन गुजरात में आम आदमी की बातों को नहीं सुना जाता. आपके मुख्यमंत्री आपकी नहीं सुनते. क्योंकि गुजरात के मुख्यमंत्री केवल अपनी ही बातें सुनते हैं. उनके पास अपने सपने और अपनी आकांक्षाएं हैं.’ उन्होंने कहा कि एक अच्छा नेता गरीबों के सपनों को पूरा करने का काम करता है.

राहुल ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि सभी को भोजन का अधिकार हो. गांधी जी ने कहा था कि आम आदमी की सुनों और उनके लिए लड़ो. जबकि गुजरात में आम आदमी की आवाज नहीं चलती.’

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राहुल ने लोगों से पूछा कि गुजरात विधानसभा की कार्यवाही कितने दिनों के लिए चलती है. फिर उन्होंने कहा कि यहां साल में केवल 25 दिन की कार्यवाही होती है और विपक्ष को बाहर फेंक दिया जाता है. उन्होंने कहा, ‘हमने जनलोकपाल बनाया है. इसे बनाने के लिए बीजेपी ने ही हमें बाध्य किया. लेकिन क्या गुजरात में लोकायुक्त है. 14000 आवेदन यहां लंबित हैं. भ्रष्टाचार को छुपाया जा रहा है.’

राहुल ने कहा, ‘अगर गांधी जी इस देश में नहीं होते तो इस देश में प्रजातंत्र नहीं होता. क्या आपको पिछले 60-70 सालों में ऐसा कोई भी कार्यक्रम याद आता है जिसका आम आदमी पर प्रतिकूल असर पड़ा. गुजरात में भ्रष्टाचार को छुपाया जाता है जिसे आरटीआई के माध्यम से उजागर किया जा रहा है.’

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