देश के अगले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का आकार छोटा हो सकता है, ताकि वह उस पर अपनी पकड़ बनाए रख सकें. यह उन लोगों का मानना है, जिन्होंने उनके काम को करीब से देखा है.
मंत्रिमंडल को लेकर लगाई जा रही अटकलों के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री के करीबी बीजेपी के एक नेता का कहना है कि प्रचार अभियान के दौरान ही यह साफ हो गया था कि मंत्रिमंडल छोटा होगा. उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि उन्होंने हमेशा कहा है कि 'छोटी सरकार, बड़ा सुशासन', यह इस बात का साफ संकेत है कि मंत्रिमंडल बड़ा नहीं होगा.
बीजेपी को मिले पूर्ण बहुमत का मतलब यह है कि सहयोगी पार्टियों की तरफ से नए मंत्री पद को बनाने का दबाव नहीं होगा. मोदी नीत गुजरात सरकार में मंत्री रहे सौरभ पटेल ने कहा कि बीजेपी नेता की शैली व्यवस्था बनाने और पूरी जिम्मेदारी लेने की है. गांधीनगर से फोन पर पटेल ने कहा कि ऐसे व्यक्ति के साथ काम करना हमेशा सुखद रहता है. वह पूरी जिम्मेदारी लेने में यकीन रखते हैं.
बीजेपी के एक अन्य नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि मोदी प्रमुख मंत्रालयों पर बराबर नजर बनाए रखेंगे. पार्टी नेता ने कहा कि छोटा मंत्रिमंडल और ज्यादा नियंत्रण की उम्मीद की जा रही है. यह मोदी के शासन का मॉडल है. उनकी नजर सभी मंत्रालयों पर होगी. उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सभी मंत्रालयों पर बराबर निगाह रखते थे.
दिल्ली में नहीं चलेगा वन मैन शैली
गुजरात यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक रह चुके और वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक दिनेश शुक्ला ने कहा कि मोदी
की वन मैन शो शैली केंद्र में संभवत: काम नहीं करेगी. दिनेश ने कहा कि गुजरात में मोदी के लिए वन मैन शो था, लेकिन दिल्ली में स्थितियां बिल्कुल अलग हैं. वहां उस तरह काम करना कठिन होगा, उन्हें अपनी शैली में बदलाव करने की जरूरत होगी. दिनेश, मोदी को यूनिवर्सिटी में पढ़ा चुके हैं. मोदी ने गुजरात यूनिवर्सिटी से 1983 में राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की
डिग्री ली है.
अमित शाह पा सकते हैं पीएम ऑफिस
बीजेपी जहां मंत्रालय को लेकर चुप्पी साधे हुए है, वहीं सूत्रों का कहना है कि राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली और
नितिन गडकरी प्रमुख मंत्रालय पा सकते हैं. सूत्रों के अनुसार, राजनाथ को जहां गृह मंत्री बनाया जा सकता है, वहीं जेटली या अरुण शौरी वित्त मंत्रालय की पसंद हो सकते हैं. मोदी के करीबी अमित शाह को प्रधानमंत्री कार्यालय का राज्यमंत्री बनाया जा सकता है. इन सबसे इतर पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की बात करें तो उनके लिए लोकसभा अध्यक्ष के पद पर सहमति दिख रही है.