प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को दालों की बढ़ती कीमतों को लेकर आपस में भिड़ गए. मोदी ने पटना रैली में कहा कि दाल के जमाखोरों पर बिहार सरकार छापेमारी की कार्रवाई क्यों नहीं करती है. लालू पर निशाना साधते हुए कहा कि चारा खाने वाले अब दाल पी रहे हैं.
नीतीश कुमार ने हाजीपुर में इसका जवाब दिया. कहा कि पहले बिहार के लोग दाल-भात खा लेते थे. अब तो दाल थाली से गायब हो गई है. तरकारी के साथ ही भात खाकर गुजारा कीजिए. बीजेपी व्यापारियों से वोट लेती है और जमाखोरी के लिए इन्हें ही जिम्मेदार भी बताती है.
दोनों ने दिखाया जीता भरोसा
पीएम मोदी ने बीजेपी की जीत का भरोसा जताते हुए कहा कि बिहार के लोग नई सरकार चुनने के मूड में हैं. 8 नवंबर के बाद जमाखोरों को नहीं छोड़ा जाएगा. वहीं, नीतीश ने कहा कि विरोधी पहले और दूसरे चरण के मतदान को देखकर बौखला गए हैं. दो चरणों में इनकी हवा निकल गई. तीसरे चरण में सूपड़ा साफ हो जाएगा.
बिहार के युवा पर राजनीति
नीतीश ने कहा कि हमको नीचा दिखाने के लिए प्रधानमंत्री आंकड़े दिखाते हैं. आगे जब आइएगा तो बताइएगा किस राज्य में 9वीं कक्षा में लड़के-लड़कियों की संख्या बराबर है. पूरे बिहार के लड़के-लड़कियों को अंग्रेजी सिखाएंगे ताकि उनमें हीन भावना न हो. बिहार के युवा को पता चले की चाँद पर बहाली है तो वहां भी पहुंच जाएगा.
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यहां कोई रोक नहीं है.
नीतीश का PM की यात्राओं पर वार
नीतीश ने पीएम की विदेश यात्राओं और चुनावी रैलियों पर भी कटाक्ष किया. बोले- पीएम बनने के बाद या तो विदेश यात्रा पर जाते हैं, नहीं तो चुनाव यात्रा पर निकलते हैं. वहीं, पीएम मोदी ने कहा कि 25 साल राज करने वालों का अंत है. अगर हमें बिहार को
बचाना है तो युवाओं को विकास के रास्ते पर चलना होगा. मैंने विकास पर वोट मांगने की हिम्मत की है.