बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर निजी और निंदात्मक हमला बोलते हुए असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन के लिए भारत रत्न की मांग करते हुए उन्हें त्याग और दर्द का प्रतीक बताया.
गोगोई ने गुवाहाटी में कहा, अगले 10 दिन में, मैं जशोदाबेन को भारत रत्न देने की सिफारिश करने वाला पत्र लिखने जा रहा हूं. मैं उन्हें सैकड़ों बार सलाम करता हूं. वह महान भारतीय नारीवाद की प्रतीक और महान महिला हैं.
उन्होंने कहा, वह त्याग और दर्द की प्रतीक हैं, केवल भारत के लिए नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए. इसके अलावा, गोगोई ने टिप्पणी की, उन्हें उनकी मौन पीड़ाओं के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए और शायद देश में किसी को भी उनके दर्द का अहसास नहीं है.
गोगोई ने कहा, जशोदाबेन असली संन्यासिन हैं. मोदी का दावा है कि वह संन्यासी हैं लेकिन वास्तविकता में वह सत्ता हथियाने वाले भगवा व्यक्ति हैं. वह अमेरिकी संन्यासी की तरह हैं. वह केवल मुख्यमंत्री पद के बारे में जानते हैं. किस तरह का व्यक्ति अब प्रधानमंत्री बनने जा रहा है? कांग्रेसी नेता ने दावा किया, यह चुनावी मुददा नहीं बल्कि मानवीय मुददा है.
गौरतलब है कि मोदी ने गुजरात की वडोदरा लोकसभा सीट से नामांकन भरते हुए पर्चे में जशोदाबेन को अपनी पत्नी बताया था. गोगोई ने असम के अवैध घुसपैठियों के मुददे पर कहा कि जनगणना रिपोर्ट के अनुसार, असम में 2001 से 2011 के बीच जनसंख्या 15.35 प्रतिशत बढ़ी. लेकिन इस दौरान, गुजरात की जनसंख्या 19.12 प्रतिशत बढ़ी. तो इसका क्या मतलब हुआ? उन्होंने कहा कि घुसपैठ काफी कम हो गई है और यह बड़ी समस्या है लेकिन मुख्य समस्या नहीं है और मुख्य मुद्दा बेरोजगारी है.