राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव मैनपुरी के साथ ही आजमगढ़ सीट से भी लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. ऐसा पूर्वांचल में सपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए किया जा सकता है.
हालांकि, प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री और मुलायम सिंह के भाई शिवपाल सिंह यादव कहते हैं कि फिलहाल नेताजी के आजमगढ़ से चुनाव लड़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है, आगे जैसा होगा, देखा जाएगा.
आजमगढ़ से मुलायम के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा तब शुरू हुई थी जब अक्तूबर 2013 में आजमगढ़ में सपा ने 'देश बचाओ-देश बनाओ' रैली की शुरुआत की. भीड़ के लिहाज से इस बड़ी रैली के जरिये सपा ने प्रदेश में चुनाव प्रचार का आगाज किया था. इस रैली में पूर्वांचल के कई जिलों के लोग शामिल हुए थे.
वैसे भी आजमगढ़ से सपा मुखिया का पुराना लगाव रहा है. वे कहते रहे हैं कि इटावा के बाद आजमगढ़ उनका दूसरा घर है. वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाली 10 विधानसभा सीटों में नौ पर सपा के विधायक के हैं. जब से नरेंद्र मोदी के वाराणसी से चुनाव लड़ने की चर्चा तेज हुई है, तभी से सपा में मुलायम सिंह को वाराणसी से चुनाव मैदान में उतारने की कवायद तेज हो गई है.
मोदी 'इफेक्ट' कम करने की कवायद
पूर्वांचल के कुछ नेता चाहते हैं कि मोदी का असर कम करने के लिए मुलायम सिंह का आजमगढ़ से लड़ना जरूरी है. फिलहाल आजमगढ़ से बीजेपी के रमाकांत यादव सांसद हैं. सपा ने लोकसभा चुनाव के लिए हवलदार सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. सपाइयों की सोच है कि मुलायम को आजमगढ़ से चुनाव लड़ाने पर न केवल रमाकांत को हराना आसान हो जाएगा बल्कि आसपास की कई सीटों पर भी पार्टी को फायदा मिलेगा.