दिल्ली के मुसलमानों ने विधानसभा चुनाव में बढ़-चढ़ कर भागीदारी की. सियासी हवा का रुख भांपकर उन्होंने अपने वोट बेकार नहीं किए. चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल के मुताबिक मुसलमानों ने आम आदमी पार्टी को जमकर वोट दिए. कांग्रेस को सिरे से खारिज करते हुए और बीजेपी के खिलाफ.
दिल्ली की कुल आबादी 1.78 करोड़ है. जिसमें 11.1 फीसदी मुस्लिम हैं. कांग्रेस की हालात नाजुक होने की वजह से AAP को फायदा मिल गया. मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में चुनाव से पहले ही आम आदमी पार्टी के पक्ष में माहौल बनने लगा था. हालांकि कांग्रेस ने आखिरी दम तक उम्मीद नहीं छोड़ी थी. पुरानी दिल्ली की तंग गलियों में रहने वाले मुस्लिम समुदाय ने अरविंद केजरीवाल पर भरोसा जताया. यहां के बूथों पर मतदान के लिए लम्बी कतारें लगी रहीं.
पूर्वी दिल्ली में ही सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशत रहा. सीलमपुर, लक्ष्मीनगर, मंगोलपुरी आदि इलाकों में मुस्लिमों की लम्बी कतारें देखी गईं. मुस्लिम महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं. कुछ मुस्लिम इलाकों से वोटिंग प्रकिया में देरी कराने की ख़बरे भी आती रहीं लेकिन वोटर देर शाम तक अपने मत का प्रयोग करने के लिए कतारों में खड़े रहे.
इधर जामिया नगर और ओखला की बात करें तो यहां भी AAP की हवा जमकर चली. वर्तमान विधायक और कांग्रेस नेता आसिफ मोहम्मद खान की लाख कोशिशों के बावजूद वोटरों ने आम आदमी पार्टी का साथ दिया. बीजेपी उम्मीदवार बृह्म सिंह तंवर को यहां से खास वोट नहीं मिले. ओखला विधानसभा सीट पर 70 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं. जिनमें से 55 फीसदी से ज्यादा ने AAP को वोट दिए.
कुल मिलाकर अरविंद केजरीवाल एक नया चेहरा बनने की राह पर हैं. जिस पर मुस्लिम समाज भरोसा करेगा. शायद इसके पीछे एक वजह ये भी हो सकती है कि मुसलमानों के पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं था. तस्वीर का रुख 10 फरवरी की शाम तक साफ हो जाएगा.