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मेरी दादी ने गंगा के रूप में मोदी को काशी बुलायाः लालकृष्ण आडवाणी

गांधीनगर लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी लालकृष्ण आडवाणी ने स्थानीय निकाय चुनाव में मतदान अनिवार्य बनाने संबंधी कानून को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि अगले पांच साल भारत का भविष्य बदल देंगे. इसके साथ उन्होंने कहा कि उनकी दादी का देहावसान भी काशी में हुआ था और उन्हें लगता है कि उनकी दादी ने ही गंगा के रूप में नरेंद्र मोदी काशी में बुलाया है.

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बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी

गांधीनगर लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी लालकृष्ण आडवाणी ने स्थानीय निकाय चुनाव में मतदान अनिवार्य बनाने संबंधी कानून को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि अगले पांच साल भारत का भविष्य बदल देंगे. इसके साथ उन्होंने कहा कि उनकी दादी का देहावसान भी काशी में हुआ था और उन्हें लगता है कि उनकी दादी ने ही गंगा के रूप में नरेंद्र मोदी काशी में बुलाया है.

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आडवाणी ने कहा, ‘चुनाव में वोट डालना हमारा कर्तव्य है. धनी लोग हमेशा व्यवस्था के बारे में चिंता प्रकट करते रहते हैं लेकिन वे बमुश्किल ही वोट डालते हैं. मैं एक ऐसा कानून लाने के लिए मोदी को बधाई देता हूं जिसने मतदान अनिवार्य बना दिया.’ अनिवार्य मतदान कानून अब तक लागू नहीं किया गया क्योंकि राज्यपाल ने उस पर अब तक दस्तखत नहीं किए हैं.

आडवाणी ने कहा, ‘मेरे पास प्रचार का बहुत कम वक्त है क्योंकि मतदान नजदीक आ रहा है. लेकिन मैं यहां आया हूं क्योंकि मेरा घर आदिपुर में है. (वर्ष 1947 में देश) विभाजन के बाद हम यहां आ गए थे. इस तरह, मैं हमेशा भावनात्मक रूप से कच्छ से जुड़ा रहा.’

उन्होंने कहा, ‘मैंने 1952 से हर चुनाव में हिस्सा लिया. जब भारत आजाद हुआ, हम सभी ने आशा की थी कि हमारा राष्ट्र 2000 के बाद स्वर्ण काल में कदम रखेगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. तब हमने आशा की कि 21वीं सदी में चीजें बदलेंगी लेकिन कुछ नहीं बदला.’

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आडवाणी ने कहा, ‘अब मैं महसूस कर रहा हूं कि हमारा सपना अगले पांच साल में सच हो जाएगा क्योंकि हम अगली सरकार बनाने के बिल्कुल करीब हैं.’

उन्होंने कहा, ‘जब हम भारत आए थे तब मेरी दादी पहले से ही 80 साल की थीं और वह काशी जाना चाहती थीं जहां उन्होंने अपनी जिंदगी के शेष दिन बिताए और अंतत: वहीं उन्होंने प्राण त्याग दिए.’ उन्होंने कहा, ‘जब मोदी ने कहा कि उन्हें गंगा ने काशी बुलाया है तब मुझे महसूस हुआ कि यह मेरी दादी हैं जिन्होंने गंगा के रूप में मोदी को बुलाया.’

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