चुनावी माहौल है और हर तरफ चुनावी सरगर्मी है. ऐसे में चुनाव प्रचार के नए-नए तरीके भी ईजाद किए जा रहे हैं. अंबाला शहर से नरेंद्र मोदी के एक समर्थक ने 'नमो लड्डू' बेचना शुरू कर दिया है. इन लड्डुओं की खासियत यह है कि ये दाम में सस्ते और खाने में काफी स्वादिष्ट हैं.
लड्डू बेचने वाले जनाब का कहना है कि हर तरफ मोदी लहर है, इसलिए इन्होंने मोदी लड्डू बेचने का मन बनाया है. इससे मोदी का प्रचार हो जायेगा और लोगों को सस्ते में ही लड्डू मिल जाएंगे.
'नमो चाय' कार्यक्रम को चुनाव आयोग द्वारा रिश्वत करार दिए जाने के बाद अंबाला शहर के भाजपाइयों ने भगवा रंग के मोदी लड्डुओं के सहारे नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए प्रचार का नया तरीका ईजाद किया. इसमें अंतर केवल इतना है कि 'नमो चाय' प्रशंसकों को जहां मुफ्त परोसी जा रही थी, वहीं मोदी लड्डू रियायती दरों पर दिए जाएंगे. इसकी शुरुआत अंबाला शहर से लगातार तीन बार विधायक रहे बीजेपी नेता शिव प्रसाद के बेटे अनिल प्रसाद व उसके साथियों ने की. उन्होंने बताया कि जिस प्रकार उनके पिता पार्टी के सेवक थे और उन्होंने आजीवन सादगीपूर्ण जीवन जीते करते हुए राष्ट्रहित में काम किया था, नरेंद्र मोदी की कार्यशैली को देखकर बरबस ही उन्हें अपने पिता की याद आ गई और उन्होंने कुछ नया करने की ठान ली.
उन्होंने बताया कि पहले नमो टी स्टॉल की शुरुआत भी अंबाला में उन्होंने ने ही की थी. पूछने पर उन्होंने बताया कि बाजार में औसतन एक लड्डू पांच रुपये की कीमत का है, लेकिन नमो के प्रचार के दौरान मोदी लड्डू की कीमत केवल 2 रुपये 50 पैसे रखा गया, ताकि चुनाव आयोग किसी प्रकार की आपत्ति नहीं कर सके. उन्होंने इसके लिए बाकायदा शहर के रेलवे स्टेशन चौक पर स्थित अपनी पुश्तैनी मिठाई की दूकान पर मोदी लड्डुओं की शुरुआत की है.
लड्डुओं का रंग भगवा रखा गया है और दुकान के बाहर लिखा है कि यहां मोदी लड्डू उपलव्ध है.
बीजेपी के नामांकन आदि के अवसरों के लिए वे खास इंतजाम कर रहे हैं. भगवा रंग रखे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि जो भी व्यक्ति भगवा मोदी लड्डू खरीदकर खाएगा, वह भगवा रंग में रंग ही जाएगा. उनको उम्मीद है कि उनकी यह मुहिम चुनावों में एकदम सफल रहेगी.
अनिल प्रसाद ने कहा, ' मैं राजनीतिक परिवार से हूं. मोदी से प्रभावित हूं. मोदी की लहर तो आज पूरे देश में है. ये लड्डू हम नो प्रॉफिट, नो लॉस पर बेच रहे हैं.'
अनिल प्रसाद पहले एक दिन में 25 से 30 किलो लड्डू बेच लेते थे, लेकिन अब यह सेल 70 किलो तक पहुंच गई है. इसके पीछे है कम रेट और नरेंद्र भाई मोदी का प्रचार. यहां लड्डू खरीदने वालों की कमी नहीं है, क्योंकि लड्डू कम दाम पर जो मिल रहे हैं, भले ही वो किसी के नाम पर मिल रहे हों. ऐसी महंगाई में अगर 5 रुपए वाला लड्डू 2.50 रुपये में मिल जाए, तो क्या बात है. खरीदने वालों ने बताया कि वे आए तो थे किसी और काम के लिए लड्डू खरीदने, लेकिन इतने सस्ते लड्डू उन्हें मिल जाएंगे, उन्हें उम्मीद नहीं थी.